
इक्विटी-ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड ने जुलाई में ₹42,702 करोड़ की नेट इनफ्लो दर्ज की, जो इस सेक्टर के लिए अब तक का सबसे अधिक मासिक आंकड़ा है। थीमैटिक और फ्लेक्सी कैप फंड्स के योगदान से यह वृद्धि संभव हुई, जबकि बाजार में अमेरिकी टैरिफ युद्ध के कारण उतार-चढ़ाव जारी था।
नेट इनफ्लो में 81% की तेज़ वृद्धि, घरेलू जोखिम लेने की बढ़ती प्रवृत्ति का संकेत
जून में ₹23,587 करोड़ की तुलना में यह 81% की वृद्धि दर्शाता है। यह लगातार 53वें महीने है जब इस सेक्टर में नेट इनफ्लो दर्ज हुआ है, जो घरेलू निवेशकों के बढ़ते जोखिम लेने की इच्छा को दर्शाता है।
SIP निवेश में भी मजबूती, ₹28,464 करोड़ की वृद्धि
एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के आंकड़ों के अनुसार, जुलाई में SIP इनफ्लो ₹28,464 करोड़ रहा, जो जून के ₹27,269 करोड़ से अधिक है।
विश्लेषकों की राय: टैरिफ युद्ध के बावजूद भारत की विकास कहानी मजबूत
AMFI के CEO वेंकट एन चालसानी ने कहा, “टैरिफ युद्ध की अनिश्चितताओं के बावजूद भारत की विकास कहानी मजबूत बनी हुई है, जो मुद्रास्फीति में नरमी, बेहतर तरलता और बचत में वृद्धि से स्पष्ट है।”
Morningstar के हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि बाजार के बीच-बीच में आए सुधार ने निवेशकों को आकर्षक प्रवेश बिंदु प्रदान किए।
इक्विटी-ओरिएंटेड फंड कैटेगिरी में थीमैटिक और फ्लेक्सी कैप का दबदबा
- थीमैटिक फंड्स ने ₹9,426 करोड़ की नेट इनफ्लो दर्ज की, जिनमें सात नए योजनाओं ने ₹7,404 करोड़ जुटाए।
- फ्लेक्सी कैप फंड्स में ₹7,654 करोड़ की निवेश राशि आई।
- स्मॉल कैप, मिड कैप, और लार्ज एंड मिड कैप फंड्स में भी मजबूत निवेश देखा गया।
- लार्ज कैप फंड्स ने ₹2,125 करोड़ की नेट इनफ्लो हासिल की।
- केवल इक्विटी-लिंक्ड सेविंग स्कीम्स (ELSS) में ₹368 करोड़ की नेट आउटफ्लो हुई।
निवेशकों की रुचि: कॉर्पोरेट आय, मैक्रोइकॉनॉमिक स्थिरता और मौद्रिक नीति में ढील
श्रीवास्तव ने बताया कि मजबूत कॉर्पोरेट आय, स्थिर आर्थिक वातावरण और मौद्रिक नीति में संभावित ढील से फ्लेक्सी, मिड और स्मॉल कैप कैटेगरी में निवेशकों की दिलचस्पी बनी हुई है।
म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री में ₹1.8 लाख करोड़ का कुल निवेश, परिसंपत्ति प्रबंधन 75 लाख करोड़ के पार
जुलाई में म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री में कुल ₹1.8 लाख करोड़ का निवेश हुआ, जो जून के ₹49,000 करोड़ और मई के ₹29,000 करोड़ से अधिक है। AMFI के चालसानी के अनुसार, उद्योग की कुल परिसंपत्ति प्रबंधन राशि ₹75.36 लाख करोड़ हो गई है, जो जून के अंत में ₹74.4 लाख करोड़ थी।
डेब्ट फंड्स का जोरदार वापसी, ₹1.06 लाख करोड़ की निवेश राशि
डेब्ट फंड्स में मुख्य रूप से कम अवधि और मनी मार्केट फंड्स में ₹1.06 लाख करोड़ की निवेश राशि आई, जबकि जून में ₹1,711 करोड़ का आउटफ्लो हुआ था। लिक्विड और ओवरनाइट फंड्स में भी लगातार निवेश जारी रहा।









