ईसाई, पादरी, मुसलमान भी नहीं ठुकरा रहे निमंत्रण, विपक्षियों से आचार्य प्रमोद कृष्णम ने किया ये निवेदन…

राम के बिना ना भारत की कल्पना की जा सकता है, ना भारत के लोकतंत्र की, "मंदिर का जो निर्माण हुआ है वो अदालत के फैसले से हुआ है।

विपक्ष के नेताओं द्वारा राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के निमंत्रण को अस्वीकार करने पर कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा, “यह दुर्भाग्य का विषय है, राम के निमंत्रण को तो कोई ईसाई, पादरी, मुसलमान भी नहीं ठुकरा सकता।

आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा राम भारत की आत्मा हैं, राम के निमंत्रण को ठुकराने का मतलब भारतीय संस्कृति और सभ्यता का अपमान करना है, राम के निमंत्रण को ठुकराने का मतलब भारत की अस्मिता को चुनौती देना है। राम के बिना ना भारत की कल्पना की जा सकता है, ना भारत के लोकतंत्र की मैं सभी विपक्षी दलों से निवेदन करना चाहता हूं कि आप भाजपा से लड़ो राम से मत लड़ो, भाजपा से लड़ो सनातन से मत लड़ो, भाजपा से लड़ो भारत से मत लड़ो।

कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा, “मंदिर का जो निर्माण हुआ है वो अदालत के फैसले से हुआ है, सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया और भगवान श्री राम की जन्मभूमि पर मंदिर का निर्माण शुरु हुआ और कल उसकी प्राण प्रतिष्ठा है अगर मोदी देश के प्रधानमंत्री ना होते तो ये फैसला ना हो पाता और यह मंदिर नहीं बन पाता। उन्होने कहा कि मैं राम मंदिर के निर्माण और इसके प्राण प्रतिष्ठा के शुभ दिन का श्रेय प्रधानमंत्री मोदी को देना चाहता हूं।

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