10 अप्रैल से सबको मिलेगी कोरोना की बूस्टर डोज, अबकी बार गरीबों को भी वैक्सीनेशन के लिए करनी होगी जेब ढीली

केन्द्र सरकार ने कोरोना की बूस्टर डोज के लिए गाइडलाइन जारी कर दी है. 10 अप्रैल से पूरे देश के 18 साल और उससे बड़ी उम्र के लोग बूस्टर डोज ले सकेगें. लेकिन इस बार कोरोना की बूस्टर डोज के लिए भुगतान का प्रावधान किया गया है. केवल निजी अस्पतालों पर पैसे देकर ही यह बूस्टर डोज ली जा सकेगी.

कई राज्यों के विधानसभा चुनावों में फ्री कोरोना वैक्सीनेशन का बढ़-चढ़कर प्रचार करने वाली केन्द्र सरकार ने इस बार वैक्सीनेशन अभियान से फ्री-सेवा को दूर कर दिया है. केन्द्र सरकार ने कोरोना की बूस्टर डोज का वयस्कों के लिए इंतजाम किया है.

नियत भुगतान देकर कोरोना की बूस्टर डोज निजी अस्पतालों में लगवाई जा सकेगी. कोविशील्ड की बूस्टर डोज 600 रूपये और जीएसटी चार्ज के साथ लगाई जायेगी. इसी तरह कोवोवैक्स की बूस्टर डोज के लिए जीएसटी और 900 रूपये का भुगतान तय किया गया है. कोवोवैक्स को अभी सरकार से मंजूरी मिलना बाकी है.

केन्द्र सरकार की नई गाइडलाइन में इस बार गरीब नही है. गरीबों को बूस्टर डोज लेने के लिए पैसा खर्च करना होगा. ऐसे में यह सवाल खड़ा होता है कि जो बीजेपी फ्री राशन की योजना के प्रभाव से हाल ही में 4 राज्यों में सरकार बनाती है उसने बूस्टर डोज वैक्सीनेशन के लिए उन गरीबों की ख्याल क्यों नही रखा जो निजी अस्पताल की सेवाएं नही ले सकते.

स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक 2.4 करोड़ लोगो को अभी तक कोरोना की तीसरी खुराक यानी बूस्टर डोज फ्री में दी जा चुकी है. इसमें स्वास्थ्यकर्मी, कोरोना अभियान से जुड़े पहली पंक्ति के कोरोना योद्धा और 60 साल से ज्यादा उम्र के लोग शामिल है. 15 साल से उम्र वाली 96 फीसदी आबादी को एक खुराक दी गयी है जबकि 83 फीसदी दोनो खुराकें ले चुके है. 12 से 14 साल के 45 फीसदी बच्चों को पहली खुराक दी जा चुकी है.

10 अप्रैल से कोरोना की बूस्टर डोज सभी निजी अस्पतालों में मुहैया होगी. इसके लिए दूसरी खुराक के बाद 9 महीनों का गैप होना अनिवार्य है. कोरोना के नये मामले देश और विदेशों में भी अभी मिलना बंद नही हुए है. हाल ही में कोरोना के नये वेरिएंट का एक मामला सामने आया था.

Related Articles

Back to top button