
बिना नीट परीक्षा आयुष पाठ्यक्रमों में एडमिशन में हुई अनियमितता के मामले में सीबीआई जांच कराने की योगी सरकार ने संस्तुति की है. आयुष पाठ्यक्रमों में हेरा-फेरी और धांधली के मामले सामने आने के बाद सरकार ने इसकी जांच के लिए STF का गठन किया था. जांच की इसी कड़ी में टीम ने काउंसलिंग संबंधी दस्तावेजों को सील कर लिया है.
दरअसल, आयुष पाठ्यक्रमों में छात्रों के दाखिले के दौरान काउंसलिंग के समय कई ऐसे छात्रों को दाखिला दे दिया गया जो नीट 2021 में शामिल ही नहीं हुए थे. इसके अलावा कम मेरिट वाले अभ्यर्थियों का भी फर्जी तरीके से प्रवेश ले लिए गया था. इस बीच एसटीएफ की जांच में एक बड़ा खुलासा हुआ. आयुष कॉलेजों में उन छात्रों को दाखिला दे दिया गया जिन्होंने नीट की परीक्षा ही नहीं दी थी.
बाद में मामले ने जब तूल पकड़ा तो STF जांच में उजागर हुए फर्जीवाड़े से काउंसलिंग कराने वाली एजेंसी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई. इसी मामले में एक छात्रा ने राष्ट्रपति से भी शिकायत की थी. इस बीच सभी राजकीय और निजी कॉलेजों में दाखिला लेने वाले छात्रों की पत्रावली की जांच की जा रही है. एसटीएफ की जांच में यह भी खुलासा हुआ कि मामले में सबूत मिटाने के भी प्रयास किये गए थे.
जानकारी के मुताबिक, प्रदेश के सरकारी कॉलेजों में दाखिला लेने वाले करीब 50 राजकीय और निजी क्षेत्र के करीब 1 हजार छात्रों के दाखिले संदिग्ध माने जा रहे हैं. बहरहाल, सीएम योगी ने इसे लेकर सीबीआई जांच की मांग की है. वहीं इससे पहले शासन स्तर से निदेशक आयुर्वेद डॉक्टर एसएन सिंह को सस्पेंड कर दिया गया. उमाकांत यादव प्रभारी अधिकारी शिक्षा भी सस्पेंड हुए साथ ही प्रभारी अधिकारी यूनानी मो.वसीम की विभागीय जांच होगी.









