
Fake Tea News: चाय के नशे में खुद इतना खो जाता हूँ..दुनिया की परवाह से बेखबर हो जाता हूँ.. ऐसी ना जानें कितनी शायरियां चाय पर बनी हैं। और बने भी क्यों ना..क्योंकि हमारे देश के लोगों का भावनात्मक जुड़ाव या कहें एक खास लगाव चाय से हैं। ज्यादातर लोगों की सुबह एक प्याली चाय से होती है और मेहमानों का स्वागत भी चाय के बिना अधूरा सा लगता है। आप किसी के घर जाओ पानी का पूछे या ना पूछे पर चाय का जरूर पूछ लिया जाता है।

चाय की चुस्कियों की जगह पी रहे जहर के घूंट?
हमारे देश में चाय की कई वैरायटीज़ हैं। कुछ लोग उबालकर, चीनी और गाढ़े दूध वाली चाय पसंद करते हैं, तो कुछ बिना दूध और चीनी के ब्लैक टी का आनंद लेते हैं। कुछ को अदरक और मसालों वाली चाय अच्छी लगती है, तो कुछ लोग लेमन टी पीना पसंद करते हैं। हेल्थ कॉन्शियस लोग ग्रीन टी का चुनाव करते हैं। लेकिन क्या होगा अगर आपकी चाय में मिलावट हो और आप चाय की चुस्कियों की बजाय जहर के घूंट पी रहे हों?
नकली चायपत्ती बनाने वाली फैक्ट्री का भंडाफोड़
जी हाँ, हाल ही में लखनऊ में यूपी STF और फूड डिपार्टमेंट की छापेमारी में एक बड़ा खुलासा हुआ है। मड़ियांव के फैजुल गंज क्षेत्र में एक फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया गया, जहां जहरीली नकली चायपत्तियाँ बनाई जा रही थीं। इस फैक्ट्री में सस्ती और घटिया चायपत्तियों को रंग दिया जाता था और फिर उन्हें ब्रांडेड कंपनियों के नाम से पैक कर सप्लाई किया जाता था। यह नकली चायपत्ती लखनऊ और आसपास के इलाकों में बेची जा रही थी। ऐसे में सतर्क रहने की जरुरत हैं। क्योंकि आजकल खाने-पीने की चीजों में मिलावट एक आम समस्या बन गई है, और चायपत्ती जैसी रोजमर्रा की चीज भी इस मिलावट से बच नहीं पाई है।
10 लाख रुपये की नकली चायपत्ती बरामद
मिली जानकारी के अनुसार, छापेमारी के दौरान फैक्ट्री से 11 हजार किलो नकली चायपत्ती, सिंथेटिक रंग, सैंडस्टोन के कई पैकेट और खतरनाक केमिकल मिले हैं। यह चायपत्ती केमिकल पत्थर मिलाकर तैयार की जाती थी। इस दौरान नकली चायपत्ती के साथ अन्य खतरनाक उत्पाद भी बरामद किए गए। कुल मिलाकर 10 लाख रुपये की नकली चायपत्ती बरामद की गई है।
चायपत्ती की शुद्धता की जांच कैसे करें?
आपको जानकर हैरानी होगी कि कुछ चायपत्तियों में तो लोहे का चूरा, सूखा गोबर, लकड़ी का बुरादा और केमिकल रंग जैसे हानिकारक पदार्थ मिलाए जाते हैं। ऐसी मिलावटी चाय का सेवन स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक हो सकता है, क्योंकि इससे पाचन समस्याएं और एलर्जी का खतरा बढ़ सकता है। इस लेख में हम आपको कुछ सरल तरीके बताएंगे, जिनसे आप घर पर ही चायपत्ती की शुद्धता की जांच कर सकते हैं।
चायपत्ती की पहचान के आसान तरीके
- एक फिल्टर पेपर लें।
- चायपत्ती को फिल्टर पेपर पर फैलाएं।
- कागज को गीला करने के लिए उस पर पानी छिड़कें।
- कुछ मिनटों बाद पत्तियों को हटा दें।
- कागज को नल के नीचे धोकर साफ करें।
- कागज पर लगे धब्बों को लाइट के नीचे देखें।
- अगर चाय में मिलावट नहीं है, तो कागज पर कोई धुंधलापन नहीं दिखेगा।
- अगर चाय मिलावटी है, तो पेपर पर काले या भूरे रंग के धब्बे दिखाई देंगे।
चाय खरीदते समय कुछ बातों का ध्यान रखें
बाजार में चाय खरीदते समय चायपत्तियों का आकार, रंग और खुशबू पर विशेष ध्यान दें। हाथ से तोड़ी गई पत्तियाँ उच्च गुणवत्ता की होती हैं क्योंकि वे टूटी हुई नहीं होतीं। वही चाय उबालने के बाद अगर उसका रंग चमकीला लाल या सुनहरा हो, तो यह अच्छी गुणवत्ता की चाय का संकेत है। यदि उबली चाय का रंग गहरा भूरा हो, तो यह घटिया गुणवत्ता की चाय हो सकती है।
मिलावटी चाय के नुकसान
मिलावटी चाय आपकी सेहत पर गंभीर असर डाल सकती है। चायपत्तियों में मिलाए गए सिंथेटिक रंग आपके शरीर के महत्वपूर्ण अंगों जैसे लीवर, हार्ट और किडनी को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसके सेवन से हाइपरटेंशन (उच्च रक्तचाप) की समस्या हो सकती है और यह आपके पाचन तंत्र और इम्यून सिस्टम को भी कमजोर कर सकता है। इसके अलावा, मिलावटी चाय से कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा भी बढ़ सकता है।
बिना GST और बिना बिल के बाजार में कैसे पहुंची?
हमारे देश में चाय को मूड बूस्टर भी कहा जाता है। चाहे सुबह की शुरुआत हो या दिन की थकान को दूर करना हो, चाय सबसे पहले पी जाने वाली चीज होती है। लेकिन अब धोखाधड़ी करने वाले चायपत्तियों में भी मिलावट करने लगे हैं। ऐसे लोगों पर सख्त से सख्त एक्शन होना चाहिए। वही नकली चायपत्ती बनाने वाली फैक्ट्री का भंडाफोड़ होने के बाद पूरे इलाके में हड़कंप मच गया है। ऐसे में सवाल उठता है कि ना जाने कितने लोग इस नकली चाय की वजह से बीमार हुए होंगे।
यह फैक्ट्री इतनी बड़ी मात्रा में यह गंदा खेल कैसे चला रही थी और किसी को भनक तक नहीं लगी, यह एक बड़ा सवाल है। गनीमत रही कि समय रहते इसे पकड़ लिया गया। हालांकि बिना GST और बिना बिल के नकली चायपत्ती बाजार में कैसे पहुंची, यह भी एक बड़ा सवाल है। विभाग अब इस मामले की जांच कर रहा है कि इसमें कौन-कौन से डीलर शामिल थे और कैसे यह चायपत्ती बाजार में बेची जाती थी।