रबी की फसल की बोआई लगातार पिछड़ रही है। साफ जाहिर है किसानों को खाद नहीं मिल पा रही है। नेता और मंत्री कितना भी कह लें लेकिन खाद की किल्लत बढ़ती ही जा रही है। छपिया और बभनजोत विकासखंड में खाद की किल्लत का सीधा उदाहरण देखा जा सकता है। छपिया की 11 में से सिर्फ 5 पर ही खाद का वितरण हो रहा है। बाकी के 6 से वितरण ही नहीं हो रहा। छपिया के मसकनवा सहकारी संघ, बिछिया बौहान, सिसई रानीपुर, साबरपुर व कर्मा समिति पर खाद की उपलब्धता है।
विभाग का दावा खाद की नहीं है कोई कमी
एक तरफ जहां खाद की कमी को लेकर चारो ओर हाहाकार मचा हुआ है। तो वहीं दूसरी ओर विभाग का दावा है कि खाद की कोई कमी नहीं है। अबतक समीतियों के माध्यम से 600 मेट्रिक टन डीएपी खाद का वितरण किया जा चुका है। वहीं दूसरी ओर सहायक आयुक्त व निबंधक जगदीश प्रसाद वर्मा ने पूरे मामले पर प्रतिक्रिया भी दी है। उन्होंने कहा है कि डीएपी की बिलकुल भी कमी नहीं है। पिछले दिनों में 1440 डीएपी में से 600 मेट्रिक टन का वितरण किया जा चुका है। डिमांड के हिसाब से बफर के गोदामों से सप्लाई की जा रही है। बहुत जल्द समीतियों को डीएपी खाद पर्याप्त मात्रा में मिल जाएगी।