
उत्तर प्रदेश सरकार की जीरो ट्रालनेस नीति जमीन पर मुंह चिढ़ाती नजर आ रही है। मामला सिद्धार्थ नगर जिले के इटवा तहसील के कठेला सर्की गांव का है जहां पिछले दिनों आई बाढ़ से हुए प्रभावितों को राहत किट वितरण किए जाने में जमकर धांधली हुई थी। ग्रामीणों को बाढ़ राहत किट में दाल चावल सहित 16 आइटम दिया जाना था लेकिन ग्रामीणों को 10 से 11 आइटम ही दिया गया था जब इसकी शिकायत ग्राम प्रधान प्रतिनिधि ने जिम्मेदारों से किया तो कठेला सर्की के लेखपाल ने जिम्मेदार अधिकारियों के साथ मिलकर ग्राम प्रधान प्रतिनिधि के खिलाफ ही फर्जी मुकदमा लिखा दिया है।
हालांकि तस्वीरों में साथ देखा जा सकता है राहत सामग्री वितरण किट में 10 से 11 सामान ही दिखाई दे रहे हैं। ग्राम प्रधान प्रतिनिधि पर दबाव बनाने की कोशिश की गई तो ग्राम प्रधान प्रतिनिधि ने मामले को ट्वीटर के माध्यम से वीडियो को वायरल कर दिया। जिससे बटने आया सामान वापस ले जाना पड़ा। इसी की खुन्नस निकालने के लिए एफआईआर की गई। ऐसा ग्राम प्रधान प्रतिनिधि का कहना और यह भी कहना है की अब मैं अधिकारियों के चक्कर लगा रहा हूं लेकिन कोई फरियाद सुनने वाला नहीं है। जबकि वहीं लेखपाल अब बाढ़ पीड़ितों की फसल बर्बादी के मुआवजे के नाम पर दो सौ से दो हजार रूपये वसूल रहा है लेकिन इसपर कोई लगाम लगाने वाला नहीं है।
वहीं स्थानीय ग्रामीणों का भी कहना है की हम लोगों से लेखपाल ने मुआवजा दिलाने के लिए पैसे लिए हैं और लेखपाल का कहना था की जो पैसा देगा उसी को मुआवजा मिलेगा। इस बारे में जिलाधिकारी संजीव रंजन का वही रटा रटाया कहना है कि मामला संज्ञान में आया जांच कराई जाएगी और दोषियों के ऊपर सख्त कार्रवाई होगी लेकिन सोचने वाली बात यह है कि यह कार्यवाही कब होगी और इन भ्रष्टाचारियों पर कब लगाम लगेगी यह आने वाले समय में ही पता चलेगा।









