जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 लागू होने के काफी समय बाद विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। पूरे 10 साल बाद जम्मू-कश्मीर के लोगों को अपनी सरकार चुनने का मौका मिला है, इसलिए लोगों में काफी उत्साह नजर आ रहा है। साथ ही यह उत्साह जम्मू-कश्मीर पंडितों के लिए महंगाई, बेरोजगारी, अफसरशाही, तानाशाही के खिलाफ लड़ने के बटन को दबाने का भी है ।
दरअसल, जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव के लिए आज बुधवार को पहले चरण का मतदान हो रहा है। पहले चरण में राज्य की 24 विधानसभा सीटों पर सुबह 7 बजे से वोटिंग शुरू हो गई है। इसमें कश्मीर की 16 और जम्मू की आठ सीटें शामिल हैं। वहीं बतां दे जम्मू-कश्मीर में कुल तीन चरणों में वोटिंग होनी है। पहले चरण में 18 सितंबर यानी आज वोटिंग हो रही है। वहीं दूसरे में 25 सितंबर और तीसरे फेज में 1 अक्टूबर को वोटिंग होनी है। इस चुनाव के नतीजे 8 अक्टूबर को आएंगे।वहीं 90 सीटों वाली विधानसभा में बहुमत के लिए 13 मुख्य दलों में मुकाबला हो रहा है।
वहीं पार्टियों की बात करें तो क्षेत्रीय पार्टियों में महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व वाली पीडीपी और उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली नेशनल कॉन्फ्रेंस इस चुनाव में प्रमुखता से मैदान में हैं। नेशनल कॉन्फ्रेंस मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस के साथ गठबंधन कर चुनावी मैदान में उतरी है।
इस विधानसभा चुनाव में कुल 35,000 से ज्यादा कश्मीरी पंडित वोट देंगे। वहीं, पहले चरण के मतदान के लिए सुरक्षाबलों और एजेंसियों की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। साथ ही चुनाव आयोग ने विस्थापित कश्मीरी पंडितों के लिए भी विशेष व्यवस्था की है।दिल्ली, जम्मू और उधमपुर में विस्थापित कश्मीरी पंडितों के लिए विशेष मतदान केंद्र बनाए गए हैं। कश्मीरी पंडितों के लिए दिल्ली में 4, जम्मू में 19 और उधमपुर में 1 विशेष मतदान केंद्र बनाया गया है।