राजस्थान के उदयपुर में चाकूबाजी का मामला आग की तरह लगातार बढ़ता जा रहा है। बता दें कि जिस लड़के ने अपने ही सहपाठी को चाकू मारा था। पुलिस ने उसके घर पर प्रशासन के साथ मिलकर बुलडोजर चला दिया है। उदयपुर के जिला प्रशासन ने पहले तो आरोपी के परिवार को घर से सामान हटाने की परमिशन दी और उसके बाद घर पर बुलडोजर चला दिया। हैरानी की बात तो ये रही कि जिस घर पर पुलिस ने बुलडोजर चलवाया वो आरोपी का भी नहीं था। दरअसल, आरोपी का परिवार उसमें किराए पर रहता था। इस पूरे वाक्ये के बाद वहां मौजूद लोग इसका विरोध करने लगे, कई लोगों की तो पुलिस से हाथापाई तक हो गई।
“करे कोई भरे कोई”
बता दें कि इस पूरे मामले में लोगों का ये कहना है कि आरोपी किराए के घर में रह रहा था और वो घर उसका था नहीं। तो फिर आरोपी की करतूत की सजा मकान मालिक क्यों भुगते। पहले तो पुलिस ने लोगों से घर के बाहर के इलाके को खाली करने को कहा। उसके बाद अवैध निर्माण बोलकर घर को ही गिरा दिया। मामले पर उदयपुर कलेक्टर ने बताया कि हमारी पहली प्राथमिकता बच्चे का इलाज है। मेरा सभी से आग्रह है कि अफवाहें न फैलाएं आरोपी लड़के को गिरफ्तार इसीलिए किया गया है कि उससे पूछताछ की जा सके की उसके पास इस तरह का धारदार हथियार आया कहां से। बता दें कि आरोपी एक 10वीं का छात्र है। उसने कथित तौर पर शुक्रवार को जिले के ही सरकारी स्कूल में अपने साथी छात्र के साथ चाकूबाजी की थी। जिसके बाद से ही मामले ने तूल पकड़ा था। इस प्रकरण के बाद उदयपुर के मधुबन इलाके में तनाव फैल गया था। जिसके बाद आक्रोशित भीड़ ने एक गैरेज में आग लगा दी जिससे तीन गाड़ियां जलकर खाक हो गईं और पथराव किया।
बुलडोजर एक्शन पर उठ रहे सवाल
बताया जा रहा है कि आरोपी अपने माता-पिता के साथ उदयपुर के मधुबन इलाके में रहता था। लेकिन वो जिस घर में रहता था वो किराए का था। उदयपुर डेवलपमेंट अथॉरिटी ने मकान को पहाड़ी पर गैरकानूनी रूप से बना पाया और उस पर बुलडोजर चला दिया। यहां और भी घर स्थित हैं उदयपुर जिला प्रशासन पर सवाल उठ रहे हैं कि एक तो उसने उस मकान पर बुलडोजर चला दिया, जो आरोपी का था ही नहीं और अगर वो मकान अवैध रूप से निर्मित था तो बाकी के मकानों पर बुलडोजर क्यों नहीं चलाया गया।