
2024-25 में भारत का खाद्यान्न उत्पादन 354 मिलियन टन पर पहुंचा
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को तीसरे अग्रिम अनुमान जारी करते हुए बताया कि 2024-25 में भारत का खाद्यान्न उत्पादन 6.6% बढ़कर 354 मिलियन टन पर पहुंच गया है, जो अब तक का सबसे अधिक है। यह पिछले आठ वर्षों की सबसे तेज़ वृद्धि है।
प्रमुख फसलों में रिकॉर्ड उत्पादन
इस वर्ष धान, गेहूं, मक्का, मूंगफली और सोयाबीन जैसी प्रमुख फसलों का उत्पादन रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा है।
- धान : 149 मिलियन टन (2023-24 में 138 MT)
- गेहूं : 117 मिलियन टन (2023-24 में 113 MT)
- मक्का : 42 मिलियन टन
- मोटे अनाज : 6 मिलियन टन
- दलहन : 25 मिलियन टन (2023-24 में 24 MT)
- तिलहन : 43 मिलियन टन (2023-24 में 40 MT)
- सोयाबीन : 15.1 मिलियन टन (2.1 MT की वृद्धि)
- मूंगफली : 11.2 मिलियन टन (1.7 MT की वृद्धि)
- गन्ना : 450 मिलियन टन
नीतियों का असर: किसान हितैषी कदमों का नतीजा
कृषि मंत्री ने इस रिकॉर्ड उत्पादन का श्रेय केंद्र सरकार की किसान हितैषी नीतियों को दिया। इनमें उचित समर्थन मूल्य, नुकसान की भरपाई, और कम ब्याज पर ऋण जैसी योजनाएं शामिल हैं, जिन्हें राज्य सरकारों ने प्रभावी ढंग से लागू किया है।
चुनौतियां बनी हुई हैं: दालों और तिलहनों पर ज़ोर
चौहान ने कहा कि दालों और तिलहनों का उत्पादन अभी और बढ़ाने की आवश्यकता है। इसके लिए सरकार द्वारा विशेष प्रयास किए जा रहे हैं।
ग्लोबल अनिश्चितता के बीच ग्रामीण अर्थव्यवस्था को राहत
वैश्विक स्तर पर जारी आर्थिक अनिश्चितता के बीच यह उपलब्धि भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए शुभ संकेत है। बढ़ते उत्पादन से खाद्यान्न भंडार भरे हुए हैं और भारत आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर है।









