
2021 के संकट के बाद पहली बार हर दिन बिजली संयंत्रों में 25 दिन का कोयला स्टॉक उपलब्ध
नई दिल्ली: देश के थर्मल पावर प्लांट्स में जून 2025 के पूरे महीने के दौरान कोयले का भंडार 57 मिलियन टन से ऊपर बना रहा। यह पहली बार है जब कोयले जैसे अहम फॉसिल फ्यूल की उपलब्धता इतने उच्च स्तर पर लगातार बनी रही। इससे देश में बिजली कटौती का खतरा लगभग समाप्त हो गया है।
2021 के संकट से सबक लेकर बढ़ाया कोयला उत्पादन और लॉजिस्टिक्स सुधार
2021 के अक्टूबर-दिसंबर के दौरान देश में कई बिजली संयंत्रों पर कोयले का स्टॉक लगभग शून्य हो गया था, जिससे कई राज्यों में ब्लैकआउट जैसी स्थिति बन गई थी। लेकिन अब हालात बदल चुके हैं।
👉 28 जून 2025 को देश में थर्मल पावर संयंत्रों में कुल स्टॉक 57.88 MT रहा।
👉 जून 2024 में कोयला स्टॉक था 44 MT (18 दिन का स्टॉक)
👉 जून 2023 में स्टॉक सिर्फ 34 MT (13-14 दिन की जरूरत)
राष्ट्रीय कोयला लॉजिस्टिक्स योजना ने बदली तस्वीर
फरवरी 2024 में शुरू हुई National Coal Logistics Plan का उद्देश्य कोयले को पूर्व भारत की खदानों से पश्चिम के औद्योगिक क्षेत्रों तक तेज़ी से पहुँचाना था। इस योजना के तहत रेलवे और सड़क परिवहन में भारी निवेश हुआ।
रिकॉर्ड उत्पादन से घटा आयात, बचा विदेशी मुद्रा
वित्त वर्ष 2024-25 में भारत ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करते हुए 1 अरब टन से अधिक कोयला उत्पादन किया, जो पिछले साल से 4.99% अधिक है।
📉 इससे कोयला आयात 8.4% कम हुआ, जिससे विदेशी मुद्रा की बचत और आत्मनिर्भरता दोनों बढ़े।
अनियमित बारिश के कारण बिजली खपत में गिरावट, कोयला स्टॉक को राहत
सरकार ने गर्मी के मौसम में 270 गीगावॉट की मांग का अनुमान लगाया था, लेकिन पीक डिमांड केवल 241 GW (9 जून को) रही, जिससे कोयला स्टॉक की खपत भी नियंत्रित रही।
मंत्रालय का बयान — “हर दिन 25-26 दिन का स्टॉक उपलब्ध”
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “इस बार गर्मी के पूरे मौसम में संयंत्रों के पास पर्याप्त कोयला रहा, लेकिन जून में स्थिति और भी बेहतर रही।”









