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IAS अभिषेक प्रकाश की घूसखोरी का खुला राज! UP सरकार ने तेज की जांच, संपत्तियों पर गहरी नजर!

Lucknow: अब नया डेवलेपमेंट ये है अभिषेक प्रकाश पर विजिलेंस बिठा दी गई है। अभिषेक के पास अरबों रुपए कीमत की जमीनें हैं। और बलिया के तत्कालीन..

Lucknow: उत्तर प्रदेश में घूसखोरी और भ्रष्टाचार के मामलों पर सरकार की सख्ती ने एक बार फिर सुर्खियाँ बटोरी हैं, जब वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अभिषेक प्रकाश के खिलाफ विजिलेंस जांच के आदेश दिए गए। अभिषेक प्रकाश, जो लखनऊ के पूर्व डीएम और LDA के पूर्व VC रह चुके हैं, पहले भी घूसखोरी के आरोपों में सस्पेंड हो चुके थे। अब, उन पर और उनकी अवैध संपत्तियों पर गहरी नजर रखी जा रही है, और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले में कड़ी कार्रवाई करने का संकल्प लिया है।

क्या था घूसखोरी का मामला?

अभिषेक प्रकाश पर आरोप था कि उन्होंने एक व्यापारी से उद्योग लगाने के बदले पांच प्रतिशत कमीशन की मांग की थी। यह मामला तब सामने आया था जब एक निवेशक ने शिकायत की थी कि अभिषेक के नाम पर उनके बिचौलिये ने उद्योग परियोजना की मंजूरी के लिए घूस की मांग की। गोपनीय जांच में यह आरोप सही पाए गए, और इस घूस कांड के बाद अभिषेक प्रकाश को सस्पेंड कर दिया गया।

अभिषेक प्रकाश उस वक्त इन्वेस्ट यूपी के CEO के रूप में कार्यरत थे, जो उत्तर प्रदेश सरकार के उद्योग विभाग के अधीन आता है। इसके बाद अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अभिषेक प्रकाश की अवैध संपत्तियों की भी जांच कराने के आदेश दिए हैं।

क्या है नया डेवलेपमेंट?

अब, अभिषेक प्रकाश पर विजिलेंस जांच बैठाई गई है, जिसमें उनकी संपत्तियों की गहरी जांच की जाएगी। जानकारी के अनुसार, अभिषेक प्रकाश के पास अरबों रुपए की कीमत की संपत्तियाँ हैं। यह संपत्तियाँ किस तरह से अर्जित की गईं, इस पर अब जांच चल रही है।

इसके अलावा, बलिया के तत्कालीन सांसद वीरेंद्र मस्त ने इस घूसखोरी मामले को लेकर यूपी सरकार को सबूतों के साथ ब्यौरा भी दिया था। सांसद ने आरोप लगाया था कि अभिषेक प्रकाश ने अपनी सत्ता और प्रभाव का गलत इस्तेमाल किया था, ताकि जांच में रुकावट डाली जा सके और मामले को दबा दिया जाए।

डिफेंस कॉरिडोर घोटाले में भी फंसे अभिषेक प्रकाश

अभिषेक प्रकाश पर डिफेंस कॉरिडोर भूमि अधिग्रहण घोटाले के आरोप भी हैं। इस मामले में तत्कालीन डीएम अभिषेक प्रकाश सहित कई अन्य अधिकारियों को दोषी पाया गया था। भूमि की खरीद-फरोख्त में फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल किया गया और मुआवजा वितरण में भी गड़बड़ी हुई थी। जांच रिपोर्ट में यह सामने आया था कि अफसरों ने अपनी रिश्तेदारों और नौकरों को लाभ पहुंचाया, और सस्ती दर पर भूमि खरीदने के बाद उन्हें अधिक मुआवजा दिलवाया।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का बड़ा कदम

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अभिषेक प्रकाश की अवैध संपत्तियों और उनकी भूमिका की जांच को लेकर अधिकारियों को आदेश दिया है। अब यह सवाल उठता है कि क्या इस जांच के बाद भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारी पूरी तरह से सजा पाएंगे, या केवल कुछ खानापूर्ति की जाएगी? लेकिन सरकार की सख्त कार्रवाई से यह उम्मीद जताई जा रही है कि अब भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे और दोषियों को कड़ी सजा मिलेगी।

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