लखनऊ; कवियत्री मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में दोषी करार दिए जाने के बाद उम्रकैद की सजा काट रहे पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमिता त्रिपाठी को शासन ने रिहा करने का आदेश जारी कर दिया है. राज्यपाल की अनुमति पर कारागार प्रशासन एवं सुधार विभाग ने इसका आदेश जारी किया है. आदेश में कहा गया है कि यदि दोनों को किसी अन्य वाद में जेल में निरुद्ध रखना आवश्यक न हो, तो जिला मजिस्ट्रेट गोरखपुर के विवेक के अनुसार दो जमानतें तथा उतनी ही धनराशि का एक मुचलका प्रस्तुत करने पर कारागार से मुक्त कर दिया जाए.
बता दें कि करीब 20 वर्ष पहले राजधानी की पेपरमिल कॉलोनी में रहने वाली कवियत्री मधुमिता शुक्ला की हत्या के मामले की जांच सीबीआई ने की थी. सीबीआई ने अपनी जांच में अमरमणि और मधुमणि को दोषी करार देते हुए अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया था. बाद में इस मामले का मुकदमा देहरादून स्थानांतरित कर दिया गया था. दोनों जेल में बीते 20 वर्ष एक माह और 19 दिन से थे. उनकी आयु, जेल में बिताई गई सजा की अवधि और अच्छे जेल आचरण के दृष्टिगत बाकी बची हुई सजा को माफ कर दिया गया है.
अमरमणि और उनकी पत्नी मधुमणि को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर रिहा किया गया है. दरअसल कोर्ट ने जेल में अच्छा आचरण करने वाले कैदियों को रिहा करने का आदेश दिया था. जिसके बाद अमरमणि और उनकी पत्नी ने दया याचिका दाखिल की थी. कोर्ट ने दोनों को रिहा करने का आदेश दिया, लेकिन इसमें देरी होने लगी इस पर अमरमणि ने अवमानना का वाद दाखिल कर दिया, जिसके बाद दोनों को रिहा करने का आदेश शासन ने जारी कर दिया.