गाजियाबाद में दो सड़क हादसों में चार कांवड़ियों की मौत; दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस-वे पर डिवाइडर से टकराए दुपहिया वाहन, नहीं पहना था हेलमेट

गाजियाबाद।
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे पर दो सड़क हादसों में चार कांवड़ियों की मौत हो गई। ये हादसे मसूरी और कविनगर थाना क्षेत्र में दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस वे पर हुए हैं। मसूरी इलाके में हरिद्वार से लौट रहे तीन कांवड़ियों की बाइक डिवाइडर से जा टकराई। वहीं कविनगर थाना क्षेत्र में भी डिवाइडर से टकराकर स्कूटी सवार कांवड़िए की मौत हो गई। पुलिस ने चारों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। उनके परिजनों को सूचना दी गयी हैं।

हरिद्वार से जल लेकर दिल्ली लौट रहे थे कांवड़िए
मसूरी थाना इंस्पेक्टर रविंद्र चंद पंत ने बताया कि यह हादसा दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर वेव सिटी गेट से 100 मीटर पहले बीती रात करीब ढाई बजे हुआ। एक बाइक पर सवार तीन कांवड़िए गंगाजल लेकर हरिद्वार से दिल्ली जा रहे थे। तेज रफ्तार बाइक डिवाइडर से जा टकराई। किसी ने भी हेलमेट नहीं पहना हुआ था। हादसे में गंभीर घायलों को पुलिस की PCR वैन से नजदीकी अस्पताल ले गई। वहां पर उन्हें मृत घोषित कर दिया। मृतकों की पहचान राहुल और प्रिंस निवासी त्रिलोकपुरी, दिल्ली के रूप में हुई। तीसरे कांवड़िए की पहचान नहीं हो पाई है। दोनों मृतकों के परिजनों को पुलिस ने सूचित कर दिया है। कुछ देर में वह गाजियाबाद आएंगे, तब तीसरे मृतक कांवड़िए की शिनाख्त हो पाएगी।

ढाई घण्टे के अतंराल पर हुआ दूसरा हादसा

दूसरा हादसा मंगलवार सवेरे 5 बजे कविनगर थाना क्षेत्र में ओम साईं फार्म हाउस बम्हेटा के सामने हुआ। हरिद्वार से गंगाजल लेकर लौट रहे कांवड़िए की स्कूटी डिवाइडर से जा टकराई। घायल को तुरंत साथी कांवड़ियों ने मणिपाल हॉस्पिटल में भर्ती कराया। वहां पर उसकी मौत हो गई। मृतक की शिनाख्त अजीत पांडे (20 साल) निवासी बलजीत नगर, दिल्ली के रूप में हुई है। सीओ कविनगर अवनीश कुमार ने बताया कि मृतक के परिजनों को सूचना भेज दी गई है। इंस्पेक्टर के मुताबिक, स्कूटी किन परिस्थितियों में डिवाइडर से टकराई, यह अभी स्पष्ट नहीं हो सका है।

DME पर कावड़ियों के प्रवेश पर थी रोक, कहाँ हुई चूक।

कांवड़ यात्रा की शुरुआत में दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे पर कांवड़ियों के चलने पर रोक लगाई गई थी, ये रोक हादसों की रोकथाम के लिए लगाई गई थी क्योंकि तेज रफ्तार वाहनों के चपेट में आने से हादसे होने की संभावना थी। लेकिन कावड़ यात्रा के आखिरी दिनों में तेज रफ्तार वाहनों के बीच कावड़िए बाइक और वाहनों से DME पर दौड़ते नजर आए। हेलमेट का ना पहनना भी अव्वल दर्जे की लापरवाही दर्शाता है। सवाल ये उठता है कि आखिर कावड़ को एक्सप्रेस वे से जाने की अनुमति किसने और कब दी?

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