बुधवार को सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ सीमा मुद्दे पर बड़ा बयान दिया। उन्होंने इस मुद्दे पर भारत और चीनी सेनाओं के बीच संबंधों पर जानकारी देते हुए कहा कि पूर्वी लद्दाख से लगे चीनी सीमा पर सैनिकों और सैन्य अधिकारियों के साथ जहां आंशिक जुड़ाव रहा है, वहीं स्थिति के फिर से तनावपूर्ण होने का खतरा कम नहीं हुआ है।
उन्होंने आगे जानकारी देते हुए कहा कि वर्तमान सीमा हालातों पर नियंत्रण की लिहाज से सभी बुनियादी ढांचों का दोनों सेनाओं द्वारा दोहरे उपयोग की रणनीति पर भी विचार किया जा रहा है। इसके लिए सभी बड़े प्रयास किए जा रहे हैं कि सभी ‘दोहरे’ इस्तेमाल वाले बुनियादी ढांचे का क्या उपयोग किया जा सकता है।” सेना प्रमुख ने कहा, ”आगे हमारे सामने जो भी स्थिति आती है, हम किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए बेहतर तरीके से तैयार हैं।”
वहीं प्रेस कांफ्रेंस के दौरान नागालैंड गोलीबारी के मुद्दे पर थल सेनाध्यक्ष से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर राज्य नागालैंड के मोन जिले में हुई इस घटना में 21 पैरा एसएफ के सैनिक शामिल थे। इस घटना में 14 नागरिकों के साथ एक सैनिक भी मारा गया था जो बेहद “अफसोसजनक” है। हालांकि इस पूरे मामले में जांच चल रही है और “जांच के नतीजे के आधार पर उचित और सुधारात्मक कार्रवाई की जाएगी।” उन्होंने कहा कि 4 दिसंबर को नागालैंड की घटना पर सेना की जांच रिपोर्ट एक या दो दिन में आने की उम्मीद है।