
कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही के गृह जनपद देवरिया में धान क्रय केंद्रों के कई प्रभारी और बिचौलियों के बीच जमकर सांठ-गांठ का बड़ा खेल चल रहा था। जहा DM जितेंद्र प्रताप सिंह के जांच में इस तरह के बड़े खेल का मामला उजागर हुआ है। DM जितेन्द्र प्रताप सिंह नें कुछ दिन पहले सभी धान क्रय केंद्र प्रभारियों की समीक्षा बैठक की जिसमें DM को कुछ कमियाँ मिली उसके बाद DM नें जिला स्तरीय अधिकारियों की टीम बनाकर केंद्रों का औचक निरिक्षण कराया।

कई केंद्रों पर बड़ी खामियां मिली। जहां 03 धान क्रय केंद्र प्रभारियों के खिलाफ मुक़दमा दर्ज करवाने का आदेश दिया और तीनों केंद्र प्रभारियों के खिलाफ अलग-अलग थानों में मुकदमा दर्ज हुआ है इन केंद्रों पर लगभग 14 हज़ार कुंतल धान कम पाया गया है।
आपको बता दे कि DM जितेन्द्र प्रताप सिंह नें कुछ दिन पहले जिले के धान खरीद की समीक्षा बैठक की थी। इसी दौरान UPSS धान क्रय केंद्र रुस्तमपुर के ऑनलाइन आंकड़ों की समीक्षा की थी जिसमें कमियाँ पायी गयी। इस मामले का DM ने गंभीरता से लिया उसके बाद सभी केंद्रों का जांच करवायी जिसमें सबसे बड़ी कमी धान क्रय केंद्र रुस्तमपुर मैं मिली जहां क्रय केंद्र प्रभारी दीपक कुमार के खिलाफ रामपुर कारखाना थाने में डिप्टी RMO के तहरीर पर मुकदमा दर्ज कराया गया इस केंद्र पर स्टॉक में लगभग 10289 कुंटल धान की कमी पाई गई।

वही बंजरिया के प्रभारी अभिषेक गुप्ता के खिलाफ भलुआनी थाने में मुकदमा दर्ज करवाया। यहां 3896 कुंटल धान की कमी मिली तो वही धान क्रय केंद्र परसिया क्षितही सिंह केंद्र प्रभारी मकसूद आलम के खिलाफ थाना खामपार में मुकदमा दर्ज कराया गया यहा स्टॉक में 2198 कुंतल धान की कमी पाई गई।
वही इन तीन केंद्रों पर लगभग 14 हजार कुंतल धान की कमी पाई गई है। DM के इस बड़ी कार्रवाई से जिले के धान क्रय केंद्रों पर और बिचौलियों के बीच हड़कंप मचा हुआ है।

वहीं धान खरीद के जिम्मेदार अधिकारी जो केंद्र प्रभारियों औेर बिचौलियों की साठ-गाँठ में अपनी जेब भरते हैं और इस तरह का जमकर जिले में घोटाला करते हैं चाहे उसके मॉनिटर अफसरों हो चाहे जिम्मेदार अधिकारी ऐसे अधिकारियों और कर्मचारियों पर भी जांच करा कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए वही अब य़ह देखना होगा क्या DM का चाबुक इन जिम्मेदारो पर भी चलेगा या केंद्र प्रभारियों तक ही सीमित रहेगा।
रिपोर्ट- मनीष कुमार मिश्र









