
नई दिल्ली: नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गांधी परिवार को बड़ी राहत मिली है। दिल्ली के राउज़ एवेन्यू कोर्ट ने सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा दाखिल की गई चार्जशीट पर संज्ञान लेने से इनकार कर दिया। इस फैसले से गांधी परिवार को न्यायिक राहत मिली है। हालांकि प्रवर्तन निदेशालय इस आदेश को चुनौती देने की योजना बना रहा है।
सुनवाई के दौरान, अदालत ने सबसे पहले आर्थिक अपराध शाखा की शिकायत से जुड़े रिवीजन पिटीशन पर अपना आदेश पढ़ा। न्यायालय ने जांच की बुनियाद पर सवाल उठाते हुए कहा कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने अब तक इस मामले में कोई प्रेडिकेट अपराध दर्ज नहीं किया है। अदालत ने यह भी टिप्पणी की कि इसके बावजूद ED ने मनी लॉन्ड्रिंग अधिनियम (PMLA) के तहत जांच जारी रखी।
बता दें यह मामला 2012 से जुड़ा है, जब ED ने नेशनल हेराल्ड केस में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप लगाए थे। प्रवर्तन निदेशालय का आरोप था कि कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व में एक कंपनी द्वारा नेशनल हेराल्ड अखबार के लिए धन की हेराफेरी की गई थी।
वहीं इस फैसले के बाद, कांग्रेस पार्टी ने इसे अपने नेताओं की बेगुनाही का प्रमाण माना और इस पर खुशी जताई है। वहीं, भाजपा और विपक्षी दलों ने इसे राजनीतिक उद्देश्यों से प्रेरित करार दिया है।
आपको बता दें कि कांग्रेस ने इस फैसले को अपनी जीत बताते हुए कहा कि यह साबित करता है कि उनकी पार्टी के नेताओं के खिलाफ कोई सशक्त आरोप नहीं हैं। वहीं, भाजपा ने इसे राजनीतिक चश्मे से देखने की आलोचना की है और सवाल उठाया कि क्या यह न्यायिक प्रक्रिया के इंटेग्रिटी पर सवाल नहीं उठाता।
वहीं ED के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि एजेंसी इस आदेश को चुनौती देने पर विचार कर रही है और न्यायालय के आदेश को अवलोकन के बाद अपील की जाएगी।
यह मामला राजनीतिक और न्यायिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे जुड़े अन्य मुकदमों की तरह इस मामले में भी देश की राजनीति पर असर डालने की संभावना जताई जा रही है।









