
सुप्रीम कोर्ट ने हिंडनबर्ग मामले में अपना फैसला सुनाते हुए अडानी समूह को बड़ी राहत दी है। जिसके बाद गौतम अडानी ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर आभार जताते हुए सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर पोस्ट की है। गौतम अडानी ने एक्स पर लिखा कि, ” सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय से पता चलता है कि, सत्य की जीत हुई है. सत्यमेव जयते। मैं उन लोगों का आभारी हूं जो हमारे साथ खड़े रहे। भारत की विकास गाथा में हमारा विनम्र योगदान जारी रहेगा। जय हिन्द। “
The Hon'ble Supreme Court's judgement shows that:
— Gautam Adani (@gautam_adani) January 3, 2024
Truth has prevailed.
Satyameva Jayate.
I am grateful to those who stood by us.
Our humble contribution to India's growth story will continue.
Jai Hind.
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने मामले की जांच के लिए सेबी को तीन महीने का और समय दिया है। बता दें कि 24 मामलों में से 22 मामलों में सुनवाई हो चुकी है। जबकि दो मामलों में सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट सेबी को तीन महीने का और वक्त दिया है। कोर्ट ने कहा कि सेबी के अभी तक की जांच में कोई कमी नहीं पाई गई है। इसके साथ ही प्रशांत भूषण सहित अन्य लोगों की याचिका को खारिज कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सेबी के अभी तक की जांच में एफपीआई नियमों से जुड़ी कोई अनियमितता नहीं पाई गई है। कोर्ट ने बताया कि इस मामले में सीमित अधिकार के आधार पर जांच की गई है। क्योंकि सेबी के रेगुलर ढांचे में प्रवेश करने की कोर्ट की शक्ति सीमित है। स्पष्ट है कि सेबी के मामले में कोर्ट अधिक दखल नहीं देगा। कोर्ट ने कहा कि सेबी की जांच में कोई खामी नहीं है। इस मामले की जांच एसआईटी को नहीं सौंपा जाएगा।
SC की टिप्पणी
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मात्र मीडिया रिपोर्ट या खबरों पर भरोसा नहीं किया जा सकता है। एसआईटी को अडानी मामला ट्रांसफर को करने का कोई आधार नहीं मिला है। कोर्ट को अपनी ओर से निगाह रखने वाली जांच समिति को केस स्थानांतरित करने की जरूरत नहीं हैं।
गौतम अडानी को बड़ी राहत
सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया है कि अडानी मामले की जांच एसआईटी को नहीं ट्रांसफर किया जाएगा। कोर्ट ने पहले सुनवाई में ही साफ कर दिया था कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट के कोई ठोस सबूत नहीं मिले हैं। कोर्ट ने आज स्पष्ट कर दिया कि सेबी द्वारा 22 मामलों में किए गए अब तक की जांच में कोई अनियमितता नहीं मिली है। इस मामले की जांच न तो एसआईटी और नाह ही सीबीआई को सौंपी जाएगी।









