दिव्यांग बच्चों के बीच पहुंचे गौतम अदाणी,धनबाद में “नई उड़ान कैफे” का किया उद्घाटन

झारखंड के धनबाद में स्थित “पहला कदम स्कूल” और “नारायणी चैरिटेबल ट्रस्ट” दिव्यांग बच्चों के लिए उम्मीद की किरण बनकर उभरे हैं।दिव्यांग बच्चों के जीवन को संवारने के लिए इन संस्थानों को अब गौतम अदाणी का साथ मिला है।अदाणी समूह के चेयरमैन और दुनिया के जाने माने उद्योगपति गौतम अदाणी ने धनबाद में नारायणी चैरिटेबल ट्रस्ट और ‘पहला कदम स्कूल’जाकर दिव्यांग बच्चों के लिए किए जा रहे काम को सराहा और मदद का संकल्प लिया।उन्होंने इस अवसर पर दिव्यांग बच्चों के लिए विशेष रूप से विकसित “नयी उड़ान कैफे” का उद्घाटन किया।

इस कैफे का उद्देश्य दिव्यांग बच्चों को खाने-पीने के समान बनाने के लिए वोकैशनल ट्रेनिंग प्रदानकरना है,ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें और समाज में अपनी अहम भूमिका निभा सकें।इस मौके पर गौतम अदाणी ने दिव्यांगों को मिलने वाली सुविधाओं में बढ़ोतरी में सहयोग देनेका संकल्प लिया।उन्होंने अगले 3 साल तक संस्थान को लगातार सहयोग प्रदान करने की प्रतिबद्धता जताई।

मिलेगी सपनों को उड़ान

गौतम अदाणी की पहल और समर्थन से न सिर्फ इन बच्चों की जिंदगी में उजाला आया है, बल्कि समाज में समावेशिता और संवेदनशीलता की नई मिसाल भी कायम हुई है। यह सहयोग सिर्फ आर्थिक नहीं, बल्कि एक प्रेरणा है—हर दिव्यांगजन के लिए, हर परिवार के लिए, और पूरे भारत के लिए।गौतम अदाणी का योगदान यह दिखाता है कि जब उद्योग और समाज एकजुट होते हैं, तो दिव्यांगजनों के लिए भी आत्मनिर्भरता और सम्मान की राह खुल जाती है। यह सिर्फ एक सहयोग नहीं, बल्कि एक आंदोलन है—समावेशी और संवेदनशील भारत की ओर पहला कदम। पहला कदम स्कूल के इस खास कार्यक्रम में स्कूल के शिक्षक-शिक्षिकाओं, बच्चों, और उनके अभिभावकों के अलावा अदाणी समूह के अधिकारी और समाजसेवी भी उपस्थित थे।

“नयी उड़ान कैफे” में दिव्यांग बच्चों को प्रशिक्षित किया जाएगा, ताकि वे कैफे संचालन,खाना बनाने,सर्विंग,और अन्य संबंधित कौशल सीख सकें।यह प्रोग्राम बच्चों को रोजगार के अवसर प्रदान करने के साथ-साथ उनके आत्मविश्वास को भी बढ़ावा देगा।पहला कदम स्कूल में पढ़ने वाले अधिकांश बच्चे बेहद गरीब परिवारों से आते हैं। स्कूल न सिर्फ विशेष शिक्षा, बल्कि फिजियोथेरेपी, स्पीच थेरेपी, व्यावसायिक प्रशिक्षण, जीवन कौशल, और स्वास्थ्य सेवाएं भी नि:शुल्क उपलब्ध कराता है। यहां के बच्चे राष्ट्रीय स्तर की पैरा-स्पोर्ट्स प्रतियोगिताओं में झारखंड का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। स्कूल का लक्ष्य है—हर दिव्यांग बच्चा आत्मनिर्भर बने और समाज में सम्मान के साथ जी सके।

गौतम अदाणी का प्रेरणादायक समर्थन
गौतम अदाणी ने दिव्यांग बच्चों से बातचीत की और उनकी भावनाओं को सुना।बच्चों ने उत्साह के साथ अपने अनुभव और उम्मीदें उनके साथ साझा की। इस दौरान गौतम अदाणी ने कहा, “हमारे समाज के हर सदस्य को समान अवसर मिलना चाहिए, और हमें हर प्रयास करना चाहिए ताकि दिव्यांग बच्चों को उनकी क्षमता के अनुसार अवसर दिए जा सकें। ‘नयी उड़ान कैफे’ एक ऐसा कदम है जो इन्हें न सिर्फ व्यावसायिक कौशल सिखाएगा, बल्कि इन बच्चों को समाज में समान दर्जा दिलाने में भी मदद करेगा।”

सम्मान और पहचान की ओर
पहला कदम स्कूल और नारायणी ट्रस्ट की उपलब्धियों को राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया है। झारखंड के राज्यपाल और भारत के राष्ट्रपति द्वारा इन संस्थाओं को सम्मानित किया जा चुका है। गौतम अदाणी जैसे उद्योगपति जब इन बच्चों के साथ खड़े होते हैं, तो यह पूरे समाज को संदेश देता है कि—दिव्यांगजनों को भी समान अवसर, सम्मान और आत्मनिर्भरता का अधिकार है।

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