
सरकार के ई-मार्केटप्लेस (GeM) ने अपनी 8वीं स्थापना दिवस पर डिजिटल गवर्नेंस, समावेशी विकास और आर्थिक सशक्तिकरण के नए संकल्प के साथ जश्न मनाया। इस अवसर पर GeM ने GeMAI लॉन्च किया, जो भारत का पहला जनरेटिव AI-पावर्ड चैटबोट है, जो सार्वजनिक सेवा में डिजिटल क्रांति का प्रतीक है।
GeM के CEO, मिठिर कुमार ने कहा कि प्लेटफॉर्म केवल खरीद-फरोख्त तक सीमित नहीं है, बल्कि यह छोटे उद्यमियों, स्टार्टअप, बुनकरों और महिलाओं द्वारा संचालित व्यवसायों के लिए अवसरों को बढ़ावा देता है। आज GeM पर 1.64 लाख प्राथमिक खरीदार और 4.2 लाख सक्रिय विक्रेता हैं, जो 10,000 से अधिक उत्पाद श्रेणियां और 330 सेवाएं प्रदान करते हैं।
GeM ने 10 लाख से अधिक लघु और सूक्ष्म उद्यमों, 1.3 लाख कारीगरों, 1.84 लाख महिला उद्यमियों और 31,000 स्टार्टअप्स को मंच पर लाया है। इससे पारदर्शिता बढ़ी है और लागत में भी करीब 10% की बचत हुई है। 97% लेन-देन पर कोई लेन-देन शुल्क नहीं लगता, जबकि छोटे विक्रेताओं के लिए कैश डिपॉजिट भी 60% घटा दिया गया है।
GeM ने रक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में महत्वपूर्ण खरीद जैसे कि अक्ष मिसाइल प्रणाली के उपकरण और वैक्सीन खरीद में भी बड़ी भूमिका निभाई है। यह अब देश के सभी 36 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में सक्रिय है, जहां कई राज्यों ने इसका उपयोग अनिवार्य कर दिया है।
GeMAI चैटबोट दस भारतीय भाषाओं में आवाज़ और टेक्स्ट दोनों माध्यमों से सेवा प्रदान करता है, जो डिजिटल सार्वजनिक सेवा में नई क्रांति ला रहा है। साथ ही, प्लेटफॉर्म ने वास्तविक समय में धोखाधड़ी रोकने के लिए उन्नत एनालिटिक्स भी अपनाई है।
GeM का यह विकास भारत में सार्वजनिक खरीद में पारदर्शिता, समावेशन और डिजिटलीकरण की नई मिसाल स्थापित कर रहा है।








