Gig Economy: भारत की तरक्की के खुले रास्ते, मिलेंगी 9 करोड़ नौकरियां, देखें चौकानें वाली रिपोर्ट

'फोरम फॉर प्रोग्रेसिव गिग वर्कर्स' द्वारा जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि ई-कॉमर्स, ट्रांसपोर्टेशन, डिलीवरी सर्विसेज और अन्य क्षेत्रों से..

Gig Economy: भारत की गिग इकोनॉमी आने वाले समय में 9 करोड़ से अधिक रोजगार के अवसर पैदा कर सकती है, यह जानकारी एक हालिया रिपोर्ट में दी गई है। रिपोर्ट के अनुसार, गिग इकोनॉमी से भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 1.25% की बढ़ोतरी हो सकती है।

455 अरब डॉलर तक पहुंचने की संभावना

‘फोरम फॉर प्रोग्रेसिव गिग वर्कर्स’ द्वारा जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि ई-कॉमर्स, ट्रांसपोर्टेशन, डिलीवरी सर्विसेज और अन्य क्षेत्रों से जुड़ी गिग इकोनॉमी अगले कुछ वर्षों में 17% की सालाना वृद्धि दर (CAGR) से बढ़कर 455 अरब डॉलर तक पहुंचने की संभावना है। गिग इकोनॉमी ने अब तक लाखों गैर-कृषि नौकरियां सृजित की हैं, जिनमें अकेले ई-कॉमर्स ने 1.6 करोड़ से अधिक नौकरियां प्रदान की हैं।

भारत के आर्थिक विकास में अहम भूमिका

रिपोर्ट के संयोजक के नरसिम्हन ने बताया कि यह अध्ययन कंपनियों और गिग वर्कर्स के बीच बढ़ती गतिशीलता को समझने का एक प्रारंभिक प्रयास है। गिग इकोनॉमी भारत के आर्थिक विकास में अहम भूमिका निभाएगी, रोजगार सृजन में योगदान करेगी, आय असमानता को घटाएगी और विभिन्न क्षेत्रों में नवाचार को बढ़ावा देगी।

‘सामाजिक सुरक्षा संहिता-2020’

केंद्र सरकार भी गिग और प्लेटफॉर्म वर्कर्स के लिए सामाजिक सुरक्षा और कल्याण लाभ सुनिश्चित करने के लिए कदम उठा रही है। हाल ही में श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे ने लोकसभा में बताया कि ‘सामाजिक सुरक्षा संहिता-2020’ में गिग और प्लेटफॉर्म वर्कर्स के लिए जीवन और दिव्यांगता कवर, दुर्घटना बीमा, स्वास्थ्य और मातृत्व लाभ, वृद्धावस्था सुरक्षा जैसे प्रावधानों का उल्लेख किया गया है। इसके अलावा, वेलफेयर स्कीम को फाइनेंस करने के लिए एक सामाजिक सुरक्षा कोष की स्थापना का भी प्रावधान है।

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