Gorakhpur : आज माफिया गरीब के अधिकार पर डकैती डालने की हिम्मत नहीं कर सकता : CM योगी

अपने संबोधन के दौरान उन्होंने आगे कहा कि पहले गरीबों का राशन माफियाओं के हाथ चला जाता था। आज माफिया गरीब के अधिकार पर डकैती डालने की हिम्मत नहीं कर सकता। भाजपा सरकार सुरक्षा के साथ गरीब कल्याणकारी योजनाओं के प्रति भी संवेदनशील है। होली जैसे पर्व भी इसी संवेदना को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करते हैं।

गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चार दिवसीय गोरखपुर दौरे पहुंचे। गोरखपुर के पाण्डेय हाता में होलिका दहन उत्सव समिति की ओर से आयोजित होलिका दहन शोभा-यात्रा के अवसर पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने लोगों का आभार प्रकट किया। साथ ही उन्होंने विपक्ष पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान विपक्ष के सभी भ्रामक प्रचार और अनर्गल प्रलाप धरे के धरे रह गए और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सबका साथ सबका विकास का मंत्र जनविश्वास का प्रतीक बन गया।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में आगे कहा कि एक संवेदनशील सरकार हर पल जनता के साथ खड़ी रहती है। मेरा सौभाग्य है कि मैं होलिका दहन के इस प्राचीन उत्सव में कई वर्षों से भागीदार बनता रहा हूं। वहीं कोरोना काल की त्रासदी पर बोलते हुए उन्होंने कहा आप सब ने देखा कि पिछले दो साल कैसे कोरोना की चपेट में व्यतीत हुए। दुनिया में इसके चलते लाखों लोग असमय काल कवलित हुए। देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कोरोना प्रबंधन की जो मिसाल पेश की गई उसकी सराहना पूरी दुनिया ने की।

सीएम योगी ने प्रदेश में कोरोना प्रबंधन को लेकर अपने अभिभाषण में आगे कहा कि उत्तर प्रदेश में कोरोना प्रबंधन के नए मॉडल प्रस्तुत किए गए। प्रदेश में 30 करोड़ वैक्सीन की डोज दी जा चुकी है। बुधवार से 12 से 14 वर्ष तक के बच्चों को भी टीका लगना प्रारंभ हो गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि संवेदनशील सरकार जनता को महामारी से तो बचाती ही है भुखमरी का संकट भी सामने नहीं आने देती। कोरोना संकट के दौरान देश के 80 करोड़ तथा प्रदेश के 15 करोड़ लोगों को मुफ्त में राशन की डबल डोज दी गई। यह सरकार की जिम्मेदारी भी है।

अपने संबोधन के दौरान उन्होंने आगे कहा कि पहले गरीबों का राशन माफियाओं के हाथ चला जाता था। आज माफिया गरीब के अधिकार पर डकैती डालने की हिम्मत नहीं कर सकता। भाजपा सरकार सुरक्षा के साथ गरीब कल्याणकारी योजनाओं के प्रति भी संवेदनशील है। होली जैसे पर्व भी इसी संवेदना को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करते हैं।

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