
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने बुधवार को 16,300 करोड़ रुपये के राष्ट्रीय क्रिटिकल मिनरल मिशन को मंजूरी दे दी, जो सात वर्षों में 34,300 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय के साथ स्वदेशी खनिजों के अन्वेषण और हरित ऊर्जा के संक्रमण को गति देने के उद्देश्य से लागू किया जाएगा।खनन मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों से इस मिशन में 18,000 करोड़ रुपये का योगदान अपेक्षित है, जिसका मुख्य उद्देश्य देश में और समुद्र के किनारे स्थित स्थानों पर क्रिटिकल मिनरल्स का अन्वेषण बढ़ाना है।
क्रिटिकल मिनरल्स:
क्रिटिकल मिनरल्स जैसे कि कॉपर, लिथियम, निकल, कोबाल्ट और दुर्लभ पृथ्वी तत्व, स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकियों के तेजी से विकास और उनकी बढ़ती मांग के लिए आवश्यक कच्चे माल हैं। इन खनिजों की मांग वैश्विक स्तर पर बढ़ रही है, क्योंकि स्वच्छ ऊर्जा संक्रमण तेज हो रहा है। इस मिशन का उद्देश्य क्रिटिकल मिनरल्स के आयात पर निर्भरता कम करना और आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करना है। 24 क्रिटिकल मिनरल्स की पहचान की गई है और इसका लक्ष्य अन्वेषण बढ़ाना, खनिजों की आयात निर्भरता कम करना, खनिज ब्लॉकों का अधिग्रहण, प्रौद्योगिकी का विकास और खनिजों का पुनर्चक्रण करना है।”
मिशन का उद्देश्य और प्रमुख पहलें:
इस मिशन के तहत, खनिजों के अन्वेषण, खनन, शोधन, प्रसंस्करण और पुनः प्राप्ति के सभी चरणों को कवर किया जाएगा। इसमें क्रिटिकल मिनरल्स के अन्वेषण को तेज करने के लिए देश में और समुद्र के किनारे अन्वेषण बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है। साथ ही, मिशन में खनिज खनन परियोजनाओं के लिए त्वरित अनुमोदन प्रक्रिया को लागू करने का प्रस्ताव है। इसके अतिरिक्त, खनिजों के पुनः प्राप्ति के लिए वित्तीय प्रोत्साहन भी प्रदान किए जाएंगे।
मिशन का उद्देश्य भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और निजी क्षेत्र की कंपनियों को विदेशों में क्रिटिकल मिनरल्स संपत्ति का अधिग्रहण करने और संसाधन संपन्न देशों के साथ व्यापार बढ़ाने के लिए प्रेरित करना है। इसके अलावा, देश में क्रिटिकल मिनरल्स का स्टॉकपाइल बनाने का भी प्रस्ताव है।
अन्य महत्वपूर्ण पहलें:
- खनिज प्रसंस्करण पार्क स्थापित करना और क्रिटिकल मिनरल्स के पुनर्चक्रण का समर्थन करना।
- क्रिटिकल मिनरल्स प्रौद्योगिकियों पर शोध को बढ़ावा देना और इसके लिए एक “सेंटर ऑफ एक्सीलेंस” की स्थापना करना।
- सरकार ने 2023 में खनिजों के अन्वेषण और खनन को बढ़ावा देने के लिए खनिज और खनिज (विकास और नियमन) अधिनियम, 1957 में संशोधन किया है और इसके तहत 24 रणनीतिक खनिज ब्लॉकों की नीलामी की गई है।
भविष्य की योजनाएं:
भारतीय भूगर्भीय सर्वेक्षण (GSI) ने पिछले तीन वर्षों में 368 क्रिटिकल मिनरल्स के लिए अन्वेषण परियोजनाएं शुरू की हैं, जिनमें से 195 परियोजनाएं 2024-25 में चल रही हैं। 2025-26 में GSI 227 परियोजनाओं पर काम करेगा।
निष्कर्ष:
यह मिशन भारत को क्रिटिकल मिनरल्स की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। साथ ही, यह देश के हरित ऊर्जा संक्रमण को तेज करने और आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ने में मदद करेगा।









