सरकारी अफसरों के भ्रष्टाचार से हुई राजस्व की हानि, करोड़ो की जमीन को कौड़ियों के भाव लीज पर दी। मुकदमा दर्ज।

गाज़ियाबाद : गाजियाबाद में सरकारी अफसरों ने ही सरकार को चुना लगाया है। जिससे सरकारी राजस्व का बड़ा नुकसान किया है, जांच के बाद इस मामले में आवास विकास परिषद के सहकारी अधिकारी की शिकायत पर इंदिरापुरम थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है। सहकारी आवास समिति की बेशकीमती जमीन को महज कुछ लाख में 30 साल के लिए एक शख्स को लीज डीड पर देने के मामले में सहकारी अधिकारी आवास, पीसीएस अधिकारी समेत 6 लोगो के खिलाफ धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार की धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ है। इंदिरापुरम थाने में एफआईआर सहकारी अधिकारी आवास ग़ाज़ियाबाद अरिमर्दन सिंह गौर ने दर्ज कराई है । जिसमे शहर के लिंक रोड स्थित फाइव स्टार होटल कंट्री इन के सामने मोहननगर सहकारी आवास समिति की 28,620 वर्ग मीटर जमीन को बुलंदशहर के खुर्जा निवासी दीपक अग्रवाल को 15 लाख रुपये सालाना के हिसाब से लीज पर दे दी गयी। जो जांच में बाजारी कीमत से कही ज्यादा कम पाई गयी। लीज डीड में कम रेट पर करने से राज्य सरकार को राजस्व का नुकसान भी हुआ हैं। ये सारा खेल अफसरों ने निजी लाभ के लिए किया हैं।

स्थानीय लोगो की शिकायत पर गाजियाबाद डीएम ने कराई थी जांच।
गाज़ियाबाद के डीएम राकेश कुमार सिंह को प्रह्लाद गढ़ी के पास रहने वाले स्थानीय शख्स ने शिकायत की थीं कि अचानक से खाली पड़ी जमीन पर साफ सफाई का कार्य कराया जा रहा है। इस पर डीएम ने टीम भेजकर जांच कराई तो पता चला कि उपरोक्त सहकारी आवास समिति की 28620 वर्ग मीटर जमीन को तीन प्लाट में बांटकर उसे 15 लाख सालाना के हिसाब से 30 साल के लिए लीज पर दे दिया है। उपरोक्त जमीन की जांच में नक्शा पाया गया जिस पर केवल नक्शा बनाने वाले का नाम और फ़ोन नंबर था उस पर कंपनी के बारे में कोई भी जानकारी उपलब्ध नही थी। बस शक की शुरुआत यही से हुई। डीएम ने जांच में पाया कि करोड़ो की जमीन का बेहद कम दर से लीज डीड कर सरकार को राजस्व की हानि पहुचाई गयी है।

सहकारी आवास विभाग के आदेशों का ताक पर रखकर किया गया था फर्जीवाड़ा।

मोहननगर सहकारी आवास समिति ने एक प्रस्ताव पास कर बेशकीमती जमीन के कब्जे होने की आशंका के मद्देनजर उसके अन्य इस्तेमाल करने के लिए आग्रह किया था। जिस पर सहकारी आवास विभाग ने ओपन ऑक्शन पर जमीन लीज पर देने के आदेश दिए थे। लेकिन सहकारी आवास समिति में बिना ओपन ऑक्शन किये दीपक अग्रवाल, कार्तिक बिल्डकेयर और चंद्रेश्वर अस्पताल को लीज पर दे दिए गए थे। डीएम की जांच में भ्रष्टाचार किये जाने की बात सामने आई, जिसके बाद रिपोर्ट कमिश्नर आवास विकास परिषद और उत्तर प्रदेश शासन को भेजा गया था।

इन अफ़सरो पर दर्ज हुई है रिपोर्ट।
मोहननगर सहकारी आवास समिति के भंग होने के चलते समिति के प्रशासक के तौर पर सरकारी अधिकारी तैनात किए गए थे। गाज़ियाबाद के तत्कालीन सहकारी अधिकारी आवास विकास परिषद सत्यपाल सिंह(अध्यक्ष), तत्कालीन तहसीलदार प्रवर्धन शर्मा (उपाध्यक्ष), प्रवर्धन शर्मा बंदायू के बिल्सी एसडीएम के पद पर तैनात है। इसके अलावा आविप के जेई योगेंद्र कुमार, अपर सहकारी अधिकारी अजय कुमार, जिला विधालय निरीक्षक कार्यलय के बाबू शैलेन्द्र कुमार और खुर्जा निवासी दीपक अग्रवाल के खिलाफ दर्ज हुआ है केस। आईपीसी की धारा 409, 420 के अलावा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 9 और 13 के तहत दर्ज किया गया हैं। इस केस की जांच सीओ अभय कुमार मिश्र को दी गयी है।

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