
पंजाब सरकार ने मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में श्री गुरु तेग बहादर साहिब जी के 350वें शहीदी दिवस के उपलक्ष्य में आयोजनों की शुरुआत की। इस आयोजन की शुरुआत चंडीगढ़ स्थित गुरुद्वारा सीस गंज साहिब में वरिष्ठ कैबिनेट मंत्रियों द्वारा अरदास से की गई। इस मौके पर मंत्रियों ने गुरु साहिब के शहादत के महान बलिदान को याद किया और उनकी शिक्षाओं का पालन करने की प्रेरणा दी।
गुरु साहिब के बलिदान की अनूठी यादें
मंत्रीगण ने “हिंद की चादर” के रूप में गुरु तेग बहादर जी के शहीदी दिवस को याद करते हुए कहा कि गुरु साहिब ने धार्मिक स्वतंत्रता और मानवाधिकारों की रक्षा के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया। मंत्रियों ने बताया कि इस विशेष अवसर पर आयोजित की जा रही श्रृंखला का मुख्य उद्देश्य गुरु जी के दर्शन, उनके शांति, सहिष्णुता और धर्मनिरपेक्षता के संदेश को जन-जन तक पहुंचाना है।

विशेष आयोजनों की श्रृंखला
यह आयोजनों की श्रृंखला 18 नवंबर तक पंजाब के विभिन्न जिलों में लाइट एंड साउंड शो के माध्यम से गुरु साहिब जी के जीवन और शिक्षाओं को दर्शाएगी। इसके बाद 19 नवंबर को श्रीनगर से नगर कीर्तन की शुरुआत होगी, जो 22 नवंबर को श्री आनंदपुर साहिब पहुंचेगा। इसके साथ ही 20 नवंबर से तीन नगर कीर्तन तख्त श्री दमदमा साहिब, फरीदकोट और गुरदासपुर से आरंभ होंगे, जो 22 नवंबर को श्री आनंदपुर साहिब में समापन होगा।
सर्व-धर्म सम्मेलन और विशेष प्रदर्शनी
गुरु साहिब के शांति और भाईचारे के संदेश को फैलाने के लिए सर्व-धर्म सम्मेलन का आयोजन भी किया जाएगा। श्री आनंदपुर साहिब में गुरु तेग बहादर जी के जीवन और शिक्षाओं पर विशेष प्रदर्शनी तथा ड्रोन शो भी आयोजित किया जाएगा।
विशेष सत्र और रक्तदान शिविर
24 नवंबर को पंजाब विधानसभा में एक विशेष सत्र आयोजित किया जाएगा, जिसमें गुरु साहिब के योगदान पर विचार विमर्श किया जाएगा। 25 नवंबर को राज्य स्तर पर रक्तदान शिविर और पौधारोपण अभियान भी आयोजित किए जाएंगे।
श्रद्धालुओं के लिए विशेष प्रबंध
इस ऐतिहासिक अवसर पर पंजाब सरकार ने श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए “चक्क नानकी” नामक टेंट सिटी स्थापित की है, जहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु आकर इस आयोजन में भाग ले सकते हैं।
मुख्यमंत्री भगवंत मान का नेतृत्व
कैबिनेट मंत्रियों ने मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व की सराहना करते हुए बताया कि इस भव्य आयोजन के जरिए पंजाब सरकार गुरु तेग बहादर साहिब जी के योगदान और उनके मानवाधिकारों की रक्षा के लिए किए गए बलिदान को सम्मानित कर रही है। उन्होंने देश-विदेश के श्रद्धालुओं और सिख संगत से इन आयोजनों में भाग लेने की अपील की।









