1.62 लाख से अधिक सक्रिय कंपनियों की वृद्धि,औद्योगिक और सेवा क्षेत्रों की अहम भूमिका

महाराष्ट्र देश का व्यावसायिक केंद्र बना हुआ है, जहां सबसे अधिक सक्रिय कंपनियां हैं। उसके बाद दिल्ली, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल का स्थान है।

सेवा क्षेत्र में पंजीकरण तेज, निवेश आकर्षित करने में औद्योगिक क्षेत्र आगे
कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 में भारत में सक्रिय कंपनियों की संख्या में 1.62 लाख से अधिक की वृद्धि हुई। यह वृद्धि मुख्यतः सेवा और औद्योगिक क्षेत्रों के कारण हुई है।

अप्रैल-फरवरी के बीच 1.41 लाख कंपनियों का गठन, ₹3.36 लाख करोड़ पूंजी प्राप्त
अप्रैल से फरवरी 2025 तक कुल 1,41,675 कंपनियां पंजीकृत हुईं, जिन्हें ₹3.36 लाख करोड़ की पेड-अप कैपिटल प्राप्त हुई। सेवा क्षेत्र ने जहां दो-तिहाई पंजीकरण किए, वहीं यह कुल पूंजी का सिर्फ ₹90,522 करोड़ ही आकर्षित कर सका।

औद्योगिक क्षेत्र ने पूंजी में हिस्सेदारी के मामले में बाज़ी मारी
कुल पंजीकरणों में केवल एक-चौथाई हिस्सा रखने वाले औद्योगिक क्षेत्र ने ₹3.36 लाख करोड़ की कुल पूंजी में से 82% से अधिक हिस्सा प्राप्त किया। कृषि क्षेत्र की 4,670 कंपनियों को ₹4,041 करोड़ की पूंजी प्राप्त हुई।

73.4 मिलियन अनऔपचारिक उद्यमों की तुलना में कंपनियों की संख्या कम
मार्च 2025 के अंत तक देश में 1.85 मिलियन सक्रिय कंपनियां थीं, जबकि 73.4 मिलियन से अधिक अनऔपचारिक उद्यम कार्यरत हैं।

महाराष्ट्र में सर्वाधिक सक्रिय कंपनियां, दिल्ली, यूपी और पश्चिम बंगाल पीछे
महाराष्ट्र देश का व्यावसायिक केंद्र बना हुआ है, जहां सबसे अधिक सक्रिय कंपनियां हैं। उसके बाद दिल्ली, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल का स्थान है।

8.74 लाख कंपनियां हटाई गईं, 26,000 और कंपनियां हटने की प्रक्रिया में
सरकार ने अब तक 8,74,228 कंपनियों को वार्षिक रिटर्न न दाखिल करने के कारण रजिस्ट्री से हटा दिया है। वर्तमान में 26,000 कंपनियां हटाने की प्रक्रिया में हैं।

Related Articles

Back to top button