GST 2.0 के साथ नई आर्थिक क्रांति, मोदी सरकार ने किया लोगों-केंद्रित कर सुधार, आम आदमी और किसानों को मिली राहत

यह कदम न केवल वित्तीय अनुशासन को ध्यान में रखता है, बल्कि समावेशी विकास को भी मजबूत करता है, जिससे घर-घर, उद्योग और उद्यमियों तक राहत पहुंचे।

भारत ने आर्थिक शासन के एक नए युग में प्रवेश कर लिया है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने GST 2.0 की शुरुआत कर एक ऐतिहासिक और आम आदमी-केंद्रित सुधार पेश किया है। यह कदम न केवल वित्तीय अनुशासन को ध्यान में रखता है, बल्कि समावेशी विकास को भी मजबूत करता है, जिससे घर-घर, उद्योग और उद्यमियों तक राहत पहुंचे।

GST 2.0 की सबसे बड़ी खासियत इसका सरलीकरण है। पुराने 12% और 28% स्लैब को समाप्त कर केवल दो प्रमुख स्लैब – 5% और 18% – लागू किए गए हैं। वहीं, महंगी और विलासिता से जुड़ी वस्तुओं जैसे कार, पान मसाला, सिगरेट, तंबाकू और कार्बोनेटेड ड्रिंक्स पर 40% टैक्स लगाया गया है।

आम आदमी के लिए इसका मतलब है – आवश्यक वस्तुएं सस्ती होंगी, स्वास्थ्य सेवाएं और शिक्षा संबंधी उपकरण किफायती होंगे, घरेलू उपकरणों की लागत कम होगी और हाथ में खर्च के लिए अधिक पैसे बचेंगे।

किसानों के लिए कृषि इनपुट्स पर कर में कटौती लागत कम करेगी, मुनाफा बढ़ाएगी और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देगी। मध्यम वर्ग के लिए सरलीकृत कर संरचना रोजमर्रा की खर्चों को कम कर सीधे उनकी खरीद क्षमता को बढ़ाएगी।

GST 2.0 का असर व्यापक है – यह हर घर, हर गाँव और हर सेक्टर तक पहुँचेगा। आम आदमी, व्यापारी, किसान और उद्योग – सभी इसका लाभ महसूस करेंगे, जिससे देश की अर्थव्यवस्था को नई गति मिलेगी।

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