“गुकेश के नए लक्ष्य: 2025 में शतरंज की दुनिया में और बड़ी छलांग”

लेकिन मुझे जो बातें याद रहती हैं, वे हैं खुद को बेहतर बनाते रहना और असफलताओं को स्वीकार करना। मुझे खुद से बहुत उम्मीदें हैं

शतरंज के युवा और प्रतिभाशाली खिलाड़ी डी गुकेश ने पिछले कुछ समय में कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं। इनमें सबसे बड़ी उपलब्धि विश्व चैंपियनशिप जीतना और हाल ही में मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार के लिए चुने जाना है। अब, गुकेश 2025 के लिए अपने नए लक्ष्य तय करने की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं। वह इसे ‘चुनौतीपूर्ण’ साल मानते हैं, और अपने लक्ष्य, दृष्टिकोण और तैयारी के तरीकों में बदलाव की सोच रहे हैं।

गुकेश ने हाल ही में एक साक्षात्कार में कहा, “हां, 2025 काफी चुनौतीपूर्ण रहेगा। कई नए और दिलचस्प टूर्नामेंट होंगे। विश्व चैम्पियनशिप अब बीती बात हो चुकी है। मैंने इसे जीतकर और सभी पुरस्कारों से खुश हूं, लेकिन अब मैं नए लक्ष्यों और टूर्नामेंट के बारे में सोच रहा हूं। लक्ष्य और दृष्टिकोण वही रहेगा—अपना सर्वश्रेष्ठ देना, खुद को बेहतर बनाते रहना और जितना संभव हो सके उतने टूर्नामेंट जीतना।”

गुकेश पर उम्मीदों का होगा दबाव

विश्व चैम्पियनशिप जीतने के बाद गुकेश पर उम्मीदों का दबाव होगा, लेकिन 19 वर्षीय खिलाड़ी इस दबाव को अपने लिए एक सकारात्मक चुनौती के रूप में देखता है। वह अपने खेल के प्रति समर्पण और लगातार सुधार पर ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं। उन्होंने कहा, “हां, मैं कुछ समय से सुर्खियों में रहने का आदी हो गया हूं। जाहिर है, विश्व चैम्पियनशिप के बाद यह और भी बढ़ जाएगा। लेकिन मुझे जो बातें याद रहती हैं, वे हैं खुद को बेहतर बनाते रहना और असफलताओं को स्वीकार करना। मुझे खुद से बहुत उम्मीदें हैं, इसलिए मुझे लगता है कि मेरा लक्ष्य दूसरों की अपेक्षाओं के बजाय अपनी खुद की उम्मीदों को पूरा करना है।”

शतरंज की दुनिया में दिलाई एक नई पहचान

गुकेश की यात्रा ने शतरंज की दुनिया में उन्हें एक नई पहचान दिलाई है। उनकी सफलता ने उन्हें युवा खिलाड़ियों के लिए आदर्श बना दिया है। उनकी कड़ी मेहनत, समर्पण और मानसिक दृढ़ता के कारण वह लगातार अपनी सीमा को पार कर रहे हैं। उनकी रणनीतियां और खेल के प्रति उनका दृष्टिकोण न केवल उन्हें एक बेहतरीन खिलाड़ी बनाता है, बल्कि अन्य खिलाड़ियों को भी प्रेरित करता है।

अब, गुकेश की नजरें 2025 के बड़े टूर्नामेंट पर हैं। वह 17 जनवरी से नीदरलैंड में शुरू हो रहे प्रतिष्ठित टाटा स्टील शतरंज टूर्नामेंट में भाग लेने जा रहे हैं। यह टूर्नामेंट उनके लिए एक और अवसर होगा, जहां वह अपनी नई रणनीतियों और तैयारियों के साथ अपनी श्रेष्ठता साबित करने की कोशिश करेंगे। गुकेश के लिए यह साल नए अवसरों और चुनौतियों का होगा, और उनका उद्देश्य शतरंज की दुनिया में अपनी स्थिति को और मजबूत करना है।

गुकेश की सफलता केवल उनके व्यक्तिगत प्रयासों का परिणाम नहीं है, बल्कि यह उनके परिवार, कोच और समर्थकों के समर्थन का भी फल है। उन्होंने हमेशा अपने कोच और परिवार का धन्यवाद किया है, जिन्होंने उनकी यात्रा में उन्हें मार्गदर्शन और समर्थन दिया। उनके इस दृष्टिकोण से यह स्पष्ट होता है कि वह सफलता के साथ-साथ विनम्रता और कड़ी मेहनत को भी महत्व देते हैं।

2025 में गुकेश के लिए नई चुनौतियाँ और अवसर सामने हैं, और यह कहना गलत नहीं होगा कि वह इनका सामना अपने उत्साह, समर्पण और रणनीतिक दृष्टिकोण से करेंगे। शतरंज की दुनिया में उनका भविष्य उज्जवल दिख रहा है, और यह निश्चित है कि वह आने वाले वर्षों में और भी बड़ी उपलब्धियां हासिल करेंगे।

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