H-1B Visa Crisis: अमेरिका में काम करने वाले भारतीय प्रोफेशनल्स के लिए बड़ी मुसीबत, वीजा रिन्यूअल में देरी से जॉब पर संकट

प्रभावित होने वाले ज्यादातर लोग 30-40 साल की उम्र के टेक वर्कर्स हैं। लंबे समय तक ऑफिस से दूर रहने के कारण उन्हें अपनी जॉब खोने का डर सता रहा है।

H-1B Visa Crisis: अमेरिका में काम करने वाले हजारों भारतीय प्रोफेशनल्स इस समय गंभीर संकट में हैं। वीजा रिन्यूअल के लिए भारत लौटे इन लोगों की अपॉइंटमेंट्स अचानक अमेरिकी दूतावासों द्वारा रद्द कर दी गई हैं, और अब उन्हें कई महीने, यहां तक कि साल भर बाद की तारीखें दी जा रही हैं। इससे उनकी अमेरिका वापसी और नौकरी पर गंभीर असर पड़ रहा है, और वे अनिश्चितता के दौर से गुजर रहे हैं।

अमेरिकी विदेश विभाग का नया ‘ऑनलाइन प्रेजेंस रिव्यू’ नियम

अमेरिकी विदेश विभाग ने ट्रंप प्रशासन के नए निर्देशों के तहत एक ‘ऑनलाइन प्रेजेंस रिव्यू’ प्रक्रिया शुरू की है, जिसके तहत वीजा अधिकारियों को आवेदकों के सोशल मीडिया अकाउंट्स की बारीकी से जांच करनी पड़ रही है। इस सख्त और लंबी प्रक्रिया की वजह से इंटरव्यू की तारीखें बढ़ाई जा रही हैं, जिससे वीजा रिन्यूअल में बहुत देरी हो रही है।

2026-27 तक की तारीखें

दिसंबर से फरवरी के बीच भारत लौटे हजारों प्रोफेशनल्स की अपॉइंटमेंट्स अचानक रद्द कर दी गई हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, कई मामलों में नई तारीखें 2026 या 2027 तक खिसका दी गई हैं। ये वे लोग हैं जो कई सालों से अमेरिका में रह रहे हैं और वहां अपना घर-परिवार बसा चुके हैं। अब वीजा एक्सपायर होने के कारण वे अमेरिका नहीं लौट पा रहे हैं।

जॉब और परिवार पर पड़ रहा असर

इमिग्रेशन वकीलों का कहना है कि इस देरी से लोगों का जीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है। अमेरिका की एक प्रमुख इमिग्रेशन फर्म के मुताबिक, उनके कम से कम 100 क्लाइंट्स भारत में फंसे हुए हैं। प्रभावित होने वाले ज्यादातर लोग 30-40 साल की उम्र के टेक वर्कर्स हैं। लंबे समय तक ऑफिस से दूर रहने के कारण उन्हें अपनी जॉब खोने का डर सता रहा है।

अटलांटा और भारत के कानून विशेषज्ञों का कहना है कि ये नए नियम विशेष रूप से उन आईटी प्रोफेशनल्स के लिए कठिनाई का कारण बने हैं, जो सालों से अमेरिका की अर्थव्यवस्था में योगदान दे रहे हैं। सिर्फ मुख्य वर्कर ही नहीं, बल्कि उनके परिवार (H-4 वीजा धारक) भी इस अनिश्चितता के बीच भारत में रुके हुए हैं, जिससे उनका जीवन और भी कठिन हो गया है।

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