
लखनऊ। हज 2025 की तैयारियां अंतिम चरण में हैं, लेकिन 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को हज वीजा न दिए जाने के सऊदी फैसले ने मुस्लिम समुदाय में गहरा रोष पैदा कर दिया है। इस फैसले के चलते देशभर के 291 बच्चों के हज आवेदन रद्द कर दिए गए हैं, जिनमें उत्तर प्रदेश के 18 बच्चे शामिल हैं।

इस मुद्दे पर पसमांदा मुस्लिम समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री अनीस मंसूरी ने केंद्र सरकार और हज कमेटी को कठघरे में खड़ा करते हुए तीखा हमला बोला है। उन्होंने इस निर्णय को अमानवीय और धार्मिक भावनाओं के विरुद्ध बताते हुए कहा, “हज़ारों मुस्लिम परिवारों ने वर्षों से बच्चों संग हज की योजना बनाई थी। अब अंतिम समय पर वीजा रद्द कर देना न केवल भावनात्मक आघात है, बल्कि धार्मिक आस्थाओं का भी अपमान है।”

मंसूरी ने यह भी सवाल उठाया कि अगर बच्चों के लिए वीजा पर पहले से रोक थी, तो आवेदन प्रक्रिया के समय यह जानकारी स्पष्ट क्यों नहीं दी गई? उन्होंने केंद्र सरकार से पूछा, “क्या भारत सरकार ने सऊदी प्रशासन के इस निर्णय का विरोध किया? क्या हज कमेटी ने यात्रियों के अधिकारों की रक्षा में कोई कदम उठाया?”
पूर्व मंत्री ने भारत सरकार से मांग की है कि वह तत्काल सऊदी प्रशासन से संवाद स्थापित कर बच्चों के लिए वीजा संबंधी इस निर्णय में राहत दिलाए और वैकल्पिक व्यवस्था सुनिश्चित करे। साथ ही उन्होंने अनुच्छेद 341 का उल्लेख करते हुए इसे मुसलमानों के साथ भेदभाव का कारण भी बताया।