2030 तक भारत की आधी आबादी 5जी पर होगी,2003 के बाद से उभरते 5जी बाजारों में सबसे तेज

जीएसएमए का कहना है कि 2030 तक भारत की आधी आबादी 5जी पर होगी, जिसमें 641 मिलियन से अधिक ग्राहक होंगे, जो 49 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है.

दिल्ली- भारत इंटरनेट स्पीड को बढ़ाते हुए और ज्यादा हाईटेक करने में लगा हुआ है.लगातार इंटरनेट स्पीड को बेहतर किया जा रहा है. ताकि ज्यादा से ज्यादा डिजिटल सुविधाओं का आनंद ले सकें.इसी कड़ी में जीएसएमए इंटेलिजेंस के अनुमानों के अनुसार, भारत में अगले छह वर्षों में 5जी मोबाइल ग्राहकों की संख्या में अभूतपूर्व वृद्धि होगी और डेटा उपयोग में भारी वृद्धि होगी. जीएसएमए इंटेलिजेंस एक बाजार खुफिया सेवा है जो मोबाइल और संचार उद्योगों के लिए डेटा, विश्लेषण और पूर्वानुमान प्रदान करती है. इसी के साथ जीएसएमए का कहना है कि 2030 तक भारत की आधी आबादी 5जी पर होगी, जिसमें 641 मिलियन से अधिक ग्राहक होंगे, जो 49 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है.

भारत में 5G ग्राहकों की इस अभूतपूर्व वृद्धि से डेटा खपत में भी व्यापक विस्तार होगा, जिससे भारतीय दूरसंचार कम्पनियां बड़े निवेश करने के लिए प्रेरित होंगी.

जीएसएमए का कहना है कि 2023 से 2029 के बीच भारत में प्रति ग्राहक डेटा की खपत 15 प्रतिशत की सीएजीआर से बढ़कर प्रति ग्राहक 68 जीबी प्रति माह हो जाएगी. यह वैश्विक औसत से कहीं अधिक है, जो 2023 में 17 जीबी प्रति माह से बढ़कर 2029 में 42 जीबी प्रति माह हो जाएगी. यह उत्तरी अमेरिका से भी कहीं अधिक है, जहां 2029 में डेटा उपयोग प्रति ग्राहक 29 जीबी प्रति माह पर समाप्त हो जाएगा. साल 2029 में पश्चिमी यूरोप में डेटा उपयोग 49 जीबी आंका गया है.

पर विडंबना ये भी है कि उछाल के बावजूद, भारत की मोबाइल ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी (3 जी, 4 जी और 5 जी) अभी भी बहुत पीछे है. इसे ही कवरेज गैप कहा जाता है.यह मलेशिया से कहीं ज़्यादा है, जो सिर्फ़ 32 प्रतिशत के कवरेज अंतर के साथ बहुत बेहतर प्रदर्शन कर रहा है, या ऑस्ट्रेलिया से 20 प्रतिशत। लेकिन भारत का कवरेज अंतर इंडोनेशिया (49 प्रतिशत), बांग्लादेश (63 प्रतिशत) और पाकिस्तान (58 प्रतिशत) से कम है.

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