हाथरस. पाकिस्तान से सर्जिकल स्ट्राइक में अपने शहीदों का बदला लेने वाला हाथरस का लाल देश के लिए शहीद हो गया। शहीद का पार्थिव शरीर आते ही गांव में शोक की लहर दौड़ गई। पार्थिव शरीर के साथ हज़ारों की भीड़ देश के नारे लगा शाहिद के लिए नतमस्तक हो गए। हालांकि देश के लिए शहीद अपने बेटे पर गर्व था, तो उसके जाने का गम भी आंखों से झलक गया, पार्थिव शरीर देख मां और पत्नी का रो–रो कर बुरा हाल। शाहिद का अंतिम संस्कार राष्ट्रीय गार्ड ऑफ ऑनर के साथ किया गया।
हाथरस के सादाबाद क्षेत्र के गांव खेड़ा बरामई का रहने वाला कमांडो हरवीर सिंह एलएसी लद्दाख में युद्धाभ्यास के दौरान पैराशूट न खुलने से शहीद हो गया। बताते है, लद्दाख एलसी पर जब युद्ध अभ्यास किया जा रहा था, हरवीर सिंह इस अभ्यास के दौरान जब हेलीकॉप्टर से छलांग लगाकर नीचे कूद गए, लेकिन जब उन्होंने अपना पैराशूट खोल मगर वो नहीं खुला जिसके चलते कमांडो शहीद हो गए।
इस हादसे की सूचना मिलते ही परिजन सदमे में आ गए, सारे गांव में मातम छा गया। शहीद कमांडो हरवीर का शव सम्मान के साथ गाड़ी से गांव लाया गया। कमाण्डो के पार्थिव शरीर आने की सूचना मिलते ही गांव ही नही आसपास रहने वाले हजारों लोग शहीद को नमन करने आ गए । एलएसी लद्धाख में युद्ध अभ्यास में शहीद हुए कमाण्डो का अंतिम संस्कार गार्ड ऑफ ऑनर दे कर किया गया। अंतिम संस्कार में शामिल हज़ारों को गर्व था पर सभी की आंखे नम दी और होंठों पर इंकलाब जिंदाबाद के नारे।
हाथरस की सादाबाद के लाल ने 2019 में हुई सर्जिकल स्ट्राइक में शामिल हो पाकिस्तान सेना के छक्के छुड़ा दिए थे। कमांडो हरवीर सिंह को वीरता के लिए स्वतंत्रता दिवस पर सेना मेडल से नवाजा गया था। शहीद हरवीर का चयन 22 राज राइफल्स में 2002 में हुआ था। देश के लिए हर पल अपनी जान न्यौछावर करने वाले शाहिद के लिए आज सभी की आंखे नम है।