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Hathras Stampede: हाथरस भगदड़ में मरने वालों की संख्या बढ़कर 121 हो गई है। जिसमें 114 महिलाएं और 7 पुरुष शामिल हैं। भारत समाचार के पास जानकारी आ रही है कि मृतकों की संख्या अभी और बढ़ सकती है। भगदड़ के बाद जिसको जो साधन मिला वो घायलों को लेकर हॉस्पिटल की ओर भागा। अलग-अलग जिले अलग अलग अस्पतालों में लोग भर्ती हैं।
राहत आयुक्त कार्यालय लखनऊ भी अपनी प्रभावी भूमिका का निर्वहन नहीं कर पाया। राहत आयुक्त के पास दो और चार्ज भी हैं लिहाजा उनके पास राहत बचाव कार्य के लिए समय कम रहता है। जबकि इस पद पर सिंगल तैनाती का चलन रहा है। लेकिन पिछले कुछ वर्षों से इस पद पर तैनात अधिकारी के साथ दो तीन और चार्ज जोड़ दिए जाते हैं।
इसी बीच बड़ी जानकारी सामने आ रही है, कि सबूत छिपाने के लिए लोगों के चप्पलों को खेत में फेंक दिए गए। मुख्य सेवादार देव प्रकाश मधुकर समेत अन्य आयोजकों, सेवादारों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या की धारा में केस दर्ज किया गया है। उनपर सबूत छिपाने की धारा भी लगाई गई है।
कार्यक्रम में आयोजकों को 80 हजार लोगों की अनुमति थी। जबकि एफआईआर के अनुसार कार्यक्रम में ढाई लाख से अधिक लोग पहुंचे थे। आयोजकों की ओर से ट्रैफिक मैनेजमेंट को लेकर कोई इंतजाम नहीं थी। सबूत छिपाने के लिए भगदड़ में मृतकों और घायलों के चप्पलों को खेत में फेंक दिया।