कौन हैं नारायण साकार विश्व हरि भोले बाबा? जिनके सत्संग में भगदड़ से 121 लोगों की जान चली गई

नारायण साकार एटा जिले के बहादुर नगरी गांव के रहने वाले हैं। बाबा बनने से पहले वह गुप्तचर विभाग में तैनात थे। वह अपनी पत्नी के साथ में सत्संग करते थे।

Hathras Stampede: हाथरस में मंगलवार को सत्संग के बाद हुई भगदड़ के बाद 121 लोगों की जान चली गई। कई लोग गंभीर रूप से घायल हैं। मौत का आंकड़ा अभी और बढ़ सकता है। सत्संग नारायण साकार विश्व हरि भोले बाबा का था। सत्संग में लाखों की संख्या में लोग जुटे थे। लास्ट में अचानक से भगदड़ मच गई। हर तरफ चीखते-पुकारते रहे। हर तरफ लाशें बिछी हुई थीं।

कौन हैं नारायण साकार विश्व हरि भोले बाबा?

इन्हें पटियाली वाले बाबा नारायण साकार हरि के नाम से भी जाना जाता है। इनके सत्संग में खूब भीड़ लगती है। 2022 में कोरोना काल में भी जब मात्र 50 लोगों के इकट्ठा होने की अनुमति दी गई थी, तो बाबा ने कानून की धज्जियां उड़ाते हुए 50 हजार से अधिक लोगों को सत्संग में शामिल किया था। जिला प्रशासन ने आयोजकों के खिलाफ रिपोर्ट भी दर्ज की थी।

नारायण साकार एटा जिले के बहादुर नगरी गांव के रहने वाले हैं। बाबा बनने से पहले वह गुप्तचर विभाग में तैनात थे। वह अपनी पत्नी के साथ में सत्संग करते थे। आध्यात्मिक दुनिया में आने से पहले उनका नाम सूरजपाल था। संत बनने के बाद उन्होंने पटियाली गांव में एक भव्य आश्रम बनवाया। इनके सत्संग को ‘मानव मंगल मिलन सद्भावना समागम’ नाम से जाना जाता है। नारायण साकार सफेद सूट-बूट पहनकर आंखों पर रंगीन चश्मा लगाकर सत्संग करते हैं। वह अपने आप को भगवान साकार हरि का शिष्य मानते हैं।

पुलिस में नौकरी के दौरान नारायण साकार केदार नगर के ईडब्ल्यूएस के मकान में पत्नी के साथ रहते थे। उन्होंने अपने साले की बेटी को गोद लिया था। करीब 30 साल की उम्र में बीमारी के चलते मृत्यु हो गई। शव को यह कहते हुए शव को घर में रखा कि उसे जिंदा किया जा सकता है। इसके बाद स्थानीय लोगों की भीड़ जमा होने लगी। पुलिस से नारायण साकार ने कहा कि बेटी को जिंदा कर दूंगा ऐसा मेरा नहीं, लोगों का कहना है। इसके बाद बाबा चर्चा में आए। हालांकि बाद में पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर अंतिम संस्कार करवा दिया था।

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