
Lucknow: हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने हाल ही में बहुमंजिला भवनों में अवैध निर्माण को लेकर सख्त रुख अपनाया है। अदालत ने इस मामले में गंभीर चिंता जताते हुए, अवैध निर्माणों पर कड़ी कार्रवाई का निर्देश दिया है। यह सुनवाई लखनऊ के बहुमंजिला भवनों में हो रहे अवैध निर्माणों को लेकर की गई, जिसमें यह सवाल उठाया गया कि आखिरकार इन अवैध फ्लैटों में सुविधाएं किसने प्रदान की थीं।
अवैध निर्माण पर कोर्ट का सख्त रुख
लखनऊ हाईकोर्ट ने अवैध निर्माण मामले में बेहद सख्त रुख अपनाया है और LDA (लखनऊ विकास प्राधिकरण) से जवाब मांगा है। कोर्ट ने यह सवाल उठाया कि जिन भवनों में अवैध निर्माण किया गया है, वहां आखिरकार सुविधाएं कैसे दी गईं, जो नियमों के खिलाफ हैं। कोर्ट ने एलडीए से दो हफ्ते के अंदर एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया है, जिसमें यह जानकारी दी जाए कि इन अवैध फ्लैटों के निर्माण और सुविधाओं को मंजूरी किसने दी थी और किस आधार पर दी गई थीं।
कोर्ट ने समाधान रिपोर्ट का आदेश दिया
हाईकोर्ट ने एलडीए को निर्देश दिया है कि वह अवैध निर्माणों से संबंधित समाधान की रिपोर्ट भी प्रस्तुत करे। रिपोर्ट में यह साफ किया जाए कि इन निर्माणों के खिलाफ क्या कदम उठाए गए हैं और आगे की कार्रवाई क्या होगी। अदालत ने यह आदेश दिया कि अवैध निर्माणों को लेकर निष्पक्ष और सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
क्यों है यह मामला महत्वपूर्ण?
लखनऊ में अवैध निर्माणों का मुद्दा गंभीर बन चुका है। बहुमंजिला भवनों में अवैध तरीके से किए गए निर्माण न केवल भवन की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करते हैं, बल्कि यह शहर के विकास और नागरिकों की सुरक्षा के लिए भी बड़ा खतरा बनते हैं। उच्च न्यायालय का यह कदम इस दिशा में अहम है, क्योंकि इससे स्थानीय प्रशासन और संबंधित अधिकारियों पर दबाव बनेगा, और उन्हें इन अवैध गतिविधियों के खिलाफ ठोस कदम उठाने के लिए मजबूर किया जाएगा।
हाईकोर्ट का यह कदम लखनऊ के शहरवासियों के लिए राहत की खबर है, क्योंकि अब यह सुनिश्चित होगा कि अवैध निर्माणों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी और इनसे जुड़ी सुविधाएं भी निर्धारित नियमों के अनुसार ही दी जाएंगी।