Health News: पेपर कप में चाय-कॉफी पीना सेहत के लिए नुकसानदायक, एक्सपर्ट्स ने किया बड़ा खुलासा

डिस्पोजेबल पेपर कप का इस्तेमाल काफी आम हो गया है। हालांकि, एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह आदत सेहत के लिए खतरनाक साबित हो सकती है। आईआईटी...

Health News: सर्दियों के मौसम में चाय और कॉफी का सेवन हर घर में बढ़ जाता है। इस दौरान डिस्पोजेबल पेपर कप का इस्तेमाल काफी आम हो गया है। हालांकि, एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह आदत सेहत के लिए खतरनाक साबित हो सकती है। आईआईटी खड़गपुर के एक अध्ययन और स्वास्थ्य विशेषज्ञों की राय के अनुसार, पेपर कप में गर्म पेय पदार्थ पीने से माइक्रोप्लास्टिक के कण शरीर में प्रवेश कर सकते हैं, जो कई गंभीर बीमारियों का कारण बन सकते हैं।

पेपर कप में छिपा खतरा

डॉक्टर्स और वैज्ञानिकों के अनुसार, पेपर कप को वॉटरप्रूफ बनाने के लिए उसमें एक पतली प्लास्टिक की परत लगाई जाती है। जब इसमें कोई गर्म तरल पदार्थ डाला जाता है, तो यह परत माइक्रोप्लास्टिक के सूक्ष्म कण छोड़ने लगती है। ये कण चाय या कॉफी के साथ हमारे शरीर में चले जाते हैं।

पेपर कप में करीब 20,000 से 25,000 माइक्रोप्लास्टिक

आईआईटी खड़गपुर के अध्ययन में पाया गया कि एक पेपर कप में करीब 20,000 से 25,000 माइक्रोप्लास्टिक के कण होते हैं, जो 15 मिनट तक गर्म पेय रखने के बाद निकल सकते हैं। ये कण शरीर में हार्मोनल असंतुलन, कैंसर, और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकते हैं।

क्या कहते हैं एक्सपर्ट?

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि माइक्रोप्लास्टिक्स शरीर में धीरे-धीरे जमा होते हैं और लंबे समय में गंभीर बीमारियों का कारण बन सकते हैं। इन कणों को आसानी से हटाया नहीं जा सकता, और ये हमारे अंगों पर बुरा प्रभाव डालते हैं।

क्या हैं बेहतर विकल्प?

स्वास्थ्य और पर्यावरण के दृष्टिकोण से, पेपर कप की जगह दूसरे विकल्पों का इस्तेमाल करना चाहिए:

  1. मिट्टी के कुल्हड़: पारंपरिक और पर्यावरण के अनुकूल।
  2. स्टील या चीनी मिट्टी के कप: लंबे समय तक इस्तेमाल के लिए आदर्श।
  3. रीयूजेबल कप: यात्रा के दौरान अपने साथ रखें।

पर्यावरण पर भी पड़ता है असर

पेपर कप न केवल स्वास्थ्य के लिए बल्कि पर्यावरण के लिए भी नुकसानदायक हैं। इनका उत्पादन और डिस्पोजल प्रक्रिया पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंचाती है।

पर्यावरण को बचाने में करेंगे मदद

ऐसे में सेहत और पर्यावरण की सुरक्षा के लिए पेपर कप का उपयोग कम करना जरूरी है। छोटे कदम, जैसे मिट्टी के कुल्हड़ या स्टील के कप का इस्तेमाल, न केवल स्वास्थ्य को बेहतर बनाएंगे, बल्कि पर्यावरण को भी बचाने में मदद करेंगे।

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