
Women Health Tips: उम्र बढ़ने के साथ-साथ महिलाओं के शरीर में कई तरह के बदलाव आते हैं। खासकर 30 की उम्र पार करने के बाद महिलाओं को अपने स्वास्थ्य के प्रति ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत होती है। इस उम्र में कुछ मेडिकल टेस्ट नियमित रूप से करवाने से गंभीर बीमारियों को शुरुआती स्टेज में ही पकड़ा जा सकता है। आइए जानते हैं उन 5 जरूरी मेडिकल टेस्ट के बारे में, जो हर महिला को 30 की उम्र के बाद जरूर करवाने चाहिए।
1. ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल टेस्ट
30 की उम्र के बाद महिलाओं को हृदय रोगों का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल लेवल की जांच नियमित रूप से करवाना जरूरी है। हाई ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल की समस्या हार्ट अटैक और स्ट्रोक जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकती है। साल में कम से कम एक बार यह टेस्ट जरूर करवाएं।
2. पैप स्मीयर टेस्ट
पैप स्मीयर टेस्ट महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर का पता लगाने के लिए किया जाता है। 30 साल की उम्र के बाद हर 3 साल में यह टेस्ट करवाना चाहिए। अगर आपको कोई असामान्य लक्षण जैसे योनि से असामान्य रक्तस्राव या दर्द महसूस हो, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
3. मैमोग्राम (स्तन कैंसर स्क्रीनिंग)
स्तन कैंसर महिलाओं में होने वाली सबसे आम बीमारियों में से एक है। 30 की उम्र के बाद महिलाओं को नियमित रूप से स्तनों की जांच करवानी चाहिए। 40 साल की उम्र के बाद तो मैमोग्राम टेस्ट जरूर करवाना चाहिए, लेकिन अगर परिवार में स्तन कैंसर का इतिहास है, तो 30 की उम्र से ही यह टेस्ट शुरू कर देना चाहिए।
4. बोन डेंसिटी टेस्ट (हड्डियों की जांच)
30 की उम्र के बाद महिलाओं में हड्डियों का घनत्व कम होने लगता है, जिससे ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा बढ़ जाता है। बोन डेंसिटी टेस्ट के जरिए हड्डियों की मजबूती का पता लगाया जा सकता है। अगर आपको जोड़ों में दर्द या हड्डियों से जुड़ी कोई समस्या है, तो यह टेस्ट जरूर करवाएं।
5. थायरॉइड फंक्शन टेस्ट
थायरॉइड की समस्या आजकल आम हो गई है, खासकर महिलाओं में। थायरॉइड हार्मोन का असंतुलन वजन बढ़ना, थकान, बाल झड़ना और मूड स्विंग जैसी समस्याएं पैदा कर सकता है। 30 की उम्र के बाद थायरॉइड फंक्शन टेस्ट करवाना जरूरी है ताकि थायरॉइड से जुड़ी समस्याओं का समय रहते पता चल सके।