आडानी फाउंडेशन के तत्वाधान में स्वस्थ्य शिशु प्रतियोगिता का हुआ आयोजन, सिखाए गए कुपोषण से बचने के गुर

मुख्य अतिथी ने कार्यक्रम में कुपोषण से बचाव को लेकर भी अपने विचार व्यक्त किए और बच्चों के स्वास्थ्य संबंधी कई विषयों पर अपनी राय भी दी. डा. रुची ने बताया कि मां का दूध कब और क्यों पिलाना चाहिए? साथ ही यह भी बताया कि बच्चों को दुध पिलाने के लिए बोतल का इस्तेमाल क्यों नही करना चाहिए?

व्यापार से लेकर समाज सेवा तक के क्षेत्रों में आए दिन अडानी समुह के क्रिया-कलाप चर्चा का विषय रहते है. इसी कड़ी में शनिवार को वाराणसी के लल्लापुरा स्थित आर्यसमाज भवन में अडानी विल्मार और आडानी फाउंडेशन के तत्वाधान में पोषण माह के अंतर्गत “स्वस्थ्य शिशु प्रतियोगिता” का आयोजन किया गया.

इस आयोजन में कई गणमान्य मौजूद रहे. कार्यक्रम की मुख्य अतिथि राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय एवं चिकित्सालय से बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. रुची तिवारी और डॉ. अश्विनी गुप्ता मौजूद रहे. इस कार्यक्रम के दौरान उन्होंने 6 महीने से लेकर एक साल तक के बच्चों के स्वास्थ्य की निःशुल्क जांच की.

मुख्य अतिथी ने कार्यक्रम में कुपोषण से बचाव को लेकर भी अपने विचार व्यक्त किए और बच्चों के स्वास्थ्य संबंधी कई विषयों पर अपनी राय भी दी. डा. रुची ने बताया कि मां का दूध कब और क्यों पिलाना चाहिए? साथ ही यह भी बताया कि बच्चों को दुध पिलाने के लिए बोतल का इस्तेमाल क्यों नही करना चाहिए?

इसके अलावा उन्होंने शिशु के सर्वांगीण विकास के लिए जरुरी पोषाहारों पर भी अपने विचार रखे. कार्यक्रम में डा. रुची ने कुपोषित और स्वस्थ्य शिशु में अंतर और इसके लक्षणों पर भी कई अहम जानकारियां दिए. कार्यक्रम में सुपोषण अधिकारी ममता यादव ने स्वस्थ्य शिशु को प्रथम ,द्वितीय और तृतीय श्रेणी के पुरस्कार का वितरण भी किया.

अडानी विल्मार और आडानी फाउंडेशन द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में पार्षद हारून अंसारी, सुपोषण अधिकारी ममता यादव, सुपोषण संगिनी रेशमा परवीन, शबनम बेगम, अंजुम बानो, सना सेख और अनीशा सहित सहायक सुपोषण अधिकारी जुगल केशरी और प्रियंका तिवारी उपस्थित रहे.

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