पंजाब में कांग्रेस नेता और सुप्रसिद्ध गायक सिद्धू मूसेवाला (Sidhu Moose Wala) की हत्या के बाद वीआईपी (VIP) की सुरक्षा हटाने के मामले को लेकर पंजाब सरकार बैकफुट पर आ गई है. सिद्धू मूसेवाला की निर्मम हत्या के बाद से ही पंजाब की भगवंत मान सरकार पर बड़ा दबाव बन गया था. ऐसे में पंजाब सरकार के वीवीआईपी (VVIP) की सुरक्षा वापस लेने के फैसले के खिलाफ एक याचिका पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट में दी गई थी.
दरअसल, पंजाब की भगवंत मान सरकार ने VIP कल्चर को खत्म करने के लिहाज से बीते 28 मई को तमाम वीआईपी लोगों की सुरक्षा वापस लेने का फैसला लिया. इस फैसले के दो दिन बाद ही पंजाब के मशहूर गायक और कांग्रेस नेता सिद्धू मूसेवाला की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.
इस घटना के बाद तमाम विपक्षी दलों ने सीएम मान के इस फैसले की कड़ी आलोचना की. भाजपा ने तो आप और भगवंत मान सरकार पर कई गंभीर आरोप भी लगा दिए थे. घटनाक्रमों की इसी कड़ी में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में पंजाब सरकार के इस फैसले के खिलाफ याचिका दायर की गई थी.
इसी याचिका पर सुनवाई करते हुए पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट को ने 424 वीआईपी लोगों की सुरक्षा में कटौती और वापसी के भगवंत मान सरकार के फैसले पर रोक लगा दी है. साथ ही पंजाब हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिया कि वो सभी 434 वीआईपी लोगों की सुरक्षा बहाल करे.
हाई कोर्ट के इस फैसले से पंजाब सरकार बैकफुट पर आ गई है और इससे सरकार को करारा झटका लगा है. बहरहाल, कोर्ट के आदेश के मुताबिक, अब पंजाब सरकार को सभी VVIP लोगों की सुरक्षा 7 जून तक बहाल करनी होगी.