
हिंदी में है ज्ञान, हिंदी में है जीवन…हिंदी में है भारत का अभिमान…ये वो भाषा है जो सिखाती है हमें, कैसे रहना है एक दूजे के संग…
Hindi Diwas 2025: आज अंग्रेजी बोलने वाली की संख्या हमारे देश में बहुत ज्यादा है…पर फिर भी हिंदी है हम हमारी मातृ भाषा हिंदी का दबदबा और डंका दोनों दुनिया में बज रहा है….हिंदी बोलने में हम लोगों को अलग ही अपनेपन का एहसास होता है…..

बता दें कि भारत जैसे विविधताओं से भरे देश में सैकड़ों भाषाएं बोली जाती हैं, लेकिन हिंदी वह भाषा है जिसने शुरू से ही हमारी पहचान और सांस्कृतिक एकता को मजबूती दी है। हिंदी को राष्ट्रभाषा का दर्जा प्राप्त है और इसी कारण हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है। यह दिन न केवल भाषा के महत्व को रेखांकित करता है, बल्कि हमें अपनी मातृभाषा पर गर्व करने का अवसर भी प्रदान करता है।

इतिहास पर नजर डालें तो हिंदी की जड़ें लगभग 1300 साल पुरानी हैं। सातवीं-आठवीं शताब्दी से हिंदी का विकास माना जाता है, जबकि कुछ विद्वान इसके आरंभ को 10वीं सदी से जोड़ते हैं।

हिंदी दिवस मनाने के पीछे का खास कारण यह है कि 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा ने हिंदी को देवनागरी लिपि में भारत की राजभाषा के रूप में स्वीकार किया था। इसके बाद 1953 से यह परंपरा शुरू हुई। यह दिन हमें याद दिलाता है कि भाषा केवल संवाद का माध्यम नहीं, बल्कि हमारी पहचान और संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है।









