
केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने बताया कि 2014 में ग्रामीण क्षेत्रों में औसत बिजली आपूर्ति 12.5 घंटे थी, जो 2025 में बढ़कर 22.6 घंटे हो गई है। इसी तरह, शहरी क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति 23.4 घंटे तक पहुंच चुकी है।
नई दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने कहा कि दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना (DDUGJY), सौभाग्य योजना और प्रधानमंत्री जनजातीय न्याय महाअभियान जैसी योजनाओं के कारण पिछले 10 वर्षों में बिजली की पहुंच में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
फॉसिल ईंधन आधारित बिजली क्षमता:
2014 में 168 GW थी, जो जनवरी 2025 तक 246 GW हो गई, 46% की वृद्धि।
गैर-फॉसिल आधारित बिजली क्षमता:
2014 में 80 GW थी, जो जनवरी 2025 तक 220 GW हो गई, 180% की वृद्धि।
ट्रांसमिशन नेटवर्क विस्तार:
2014 में 2.91 लाख सर्किट किमी था, जो 2025 में 4.92 लाख सर्किट किमी तक पहुंच गया।
भारत अब बिजली का निर्यातक देश:
2025 में 1,625 मिलियन यूनिट (MU) का बिजली निर्यात हुआ, जबकि 2014 में भारत बिजली आयात करता था।
ऊर्जा की कमी में भारी गिरावट:
2014 में 4.2% थी, जो 2025 में घटकर 0.1% रह गई।
डिस्कॉम (DISCOM) घाटे में सुधार:
AT&C नुकसान 2014 में 22.62% था, जो 2025 में घटकर 15% हो गया, और 2030 तक इसे 10% तक लाने का लक्ष्य है।
मंत्री ने कहा कि सरकार का लक्ष्य 100% घरों तक बिजली पहुंचाना है और देशभर में सभी के लिए 24×7 बिजली उपलब्ध कराना प्राथमिकता बनी रहेगी।