Adani और भूटान की ऐतिहासिक साझेदारी, भारत को मिलेगी सस्ती और हरित बिजली

भूटान और अदानी समूह ने 5,000 मेगावाट की जलविद्युत परियोजनाओं के लिए समझौता किया है। यह साझेदारी भारत-भूटान के ऊर्जा सहयोग को नई दिशा देगी।

भूटान और भारत के बीच ऊर्जा सहयोग को एक नई ऊंचाई पर पहुंचाते हुए, अदानी समूह और भूटान की ड्रुक ग्रीन पावर कॉर्पोरेशन (DGPC) ने बुधवार को 5,000 मेगावाट जलविद्युत परियोजनाओं के संयुक्त विकास के लिए एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए। यह समझौता थिम्पू में आयोजित एक समारोह में भूटान के प्रधानमंत्री दशो त्शेरिंग टोबगे, ऊर्जा एवं प्राकृतिक संसाधन मंत्री ल्योनपो गेम त्शेरिंग और वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में हुआ।

यह सहयोग भूटान की 2040 नवीकरणीय ऊर्जा रोडमैप के अनुरूप है, जिसका उद्देश्य देश की ऊर्जा क्षमता को हरित और आत्मनिर्भर बनाना है। इस परियोजना के तहत जलविद्युत और पंप्ड स्टोरेज प्रोजेक्ट्स को चरणबद्ध तरीके से विकसित किया जाएगा।

DGPC के प्रबंध निदेशक दशो छेवांग रिंजिन ने कहा,

“यह रणनीतिक साझेदारी भारत और भूटान के मैत्रीपूर्ण संबंधों को और सुदृढ़ बनाएगी और भूटान की नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता के अधिकतम उपयोग में सहायक होगी।”

अदानी ग्रीन हाइड्रो लिमिटेड के COO नरेश तेलगु ने कहा,

“हम भूटान के साथ मिलकर स्वच्छ ऊर्जा अवसंरचना विकसित कर रहे हैं जो भारत और पूरे क्षेत्र की ऊर्जा सुरक्षा को मज़बूत करेगी।”

इस समझौते के अंतर्गत, अदानी समूह भारत के वाणिज्यिक ऊर्जा बाज़ारों तक भूटान की बिजली पहुंचाने, वित्तीय सहयोग और प्रोजेक्ट प्रबंधन में DGPC का समर्थन करेगा।

यह साझेदारी पहले से चल रही 570/900 मेगावाट वांग्चू जलविद्युत परियोजना पर आधारित है, जिसमें DGPC की 51% और अदानी की 49% हिस्सेदारी है। दोनों कंपनियों ने इस प्रोजेक्ट के लिए शेयरहोल्डर एग्रीमेंट पर भी हस्ताक्षर किए हैं।

यह समझौता न केवल द्विपक्षीय ऊर्जा सहयोग को बढ़ावा देगा, बल्कि भूटान को क्षेत्रीय ऊर्जा व्यापार में एक मजबूत भागीदार बनाएगा।

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