केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज लोकसभा में नागालैंड की घटना के बारे में बोला जिसमें एक उग्रवाद विरोधी अभियान विफलहो गया और 13 नागरिक मारे गए थे। शाह ने ब्योरा देते हुए कहा कि सेना को विद्रोहियों की गतिविधि के बारे में सूचना मिलने के बाद उस वाहन को रोकने का प्रयास किया गया जिसमें ग्रामीण यात्रा कर रहे थे लेकिन जैसे ही वाहन की गति काम नहीं हुई वरन् और तेजी से आगे बढ़ रही थी जिसपर मजबूरन सुरक्षाबलों को फायरिंग करनी पड़ी।
उन्होंने बताया कि “सेना को नागालैंड के ओटिंग, मोन में चरमपंथियों की आवाजाही के बारे में सूचना मिली थी। इसी आधार पर 21 कमांडो के समूह ने संदिग्ध इलाके में घात लगाकर हमला किया। जिस समय यह अभियान चल रहा था, दुर्भाग्य से वहां एक वाहन पहुंचा, उसे रुकने का इशारा भी किया गया लेकिन उसने भागने की कोशिश की। इस कारण सुरक्षाबलों को वाहन में चरमपंथियों को ले जाने का संदेह हुआ और इसी आशंका में उस पर फायरिंग कर दी गई।
गृह मंत्री ने आगे बताया कि यह एक गलत पहचान का मामला था लेकिन फिर भी इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच के लिए विशेष जांच दल (SIT) का गठन कर दिया गया है। गृह मंत्री ने बताया कि SIT को निष्पक्ष जांच व सभी पहलुओं से संदेह हटाते हुए एक महीने में रिपोर्ट सौंपेंने के निर्देश दे दिए गए हैं। उन्होंने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि नागालैंड में स्थिति तनावपूर्ण है लेकिन नियंत्रण में है और सरकार इस पर बराबर नजर रखे हुए है।