गृह मंत्रालय का ऐतिहासिक फैसला, CISF की पहली महिला बटालियन को दी मंजूरी

केंद्र सरकार ने महिलाओं को सशक्त बनाने के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा में उनकी भूमिका को बढ़ाने के मकसद से फैसले पर मोहर लगाई है।

गृह मंत्रालय ने मंगलवार को एक बड़ा फैसला लेते हुए केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) की पहली महिला बटालियन की मंजूरी दे दी है। केंद्र सरकार ने महिलाओं को सशक्त बनाने के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा में उनकी भूमिका को बढ़ाने के मकसद से फैसले पर मोहर लगाई है। इस बटालियन में 1 हजार से ज्यादा महिलाएं शामिल हैं। वहीं सरकार का यह फैसला महिलाओं को सशक्तिकरण के लिए अहम माना जा रहा है।

CISF में 7 फीसदी से ज्यादा महिला

गृह मंत्रालय के मुताबिक CISF की महिला बटालियन में 1025 महिला जवान शामिल होंगी। सरकार ने इस बटालियन की मंजूरी हवाई अड्डों और महत्त्वपू्र्ण संस्थानों पर तेजी से बढ़ती सुरक्षाबलों की तैनाती को मद्देनजर रखते हुए दी है। CISF की इस इकाई को पहले से मौजूद 2 लाख जवानों से बनाई गई है। देश की सुरक्षा की भावना रखने वाली महिलाओं के लिए CISF अच्छा विकल्प माना जाता है। वर्तमान में CISF में 7 फीसदी से ज्यादा की संख्या महिलाओं की है।

CISF के पास ऐतिहासिक इमारतों की सुरक्षा का जिम्मा

CISF के पास वर्तमान में 12 रिजर्व बटालियन है। इसमें महिला कर्मियों की संख्या भी काफी है। हाल ही में CISF के जवान को संसद भवन परिसर जैसी अहम संस्थान की सुरक्षा का जिम्मा दिया गया है। साथ ही दिल्ली मेट्रो, 68 सार्वजनिक हवाई अड्डे, लाल किला और ताजमहल जैसी ऐतिहासिक इमारतों की हिफाजत करती है। इसके अलावा CISF के जवान पुणे-बेंगलुरु के इंफोसिस कार्यालय, जामनगर में रिलायंस रिफाइनरी के साथ पमाणु और अंतरिक्ष क्षेत्र से संबंधित कई प्रमुख प्रतिष्ठानों को आतंकरोधी सुरक्षा प्रदान करते हैं।

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