उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता की मौत से बवाल मचा हुआ है। एक तरफ जहां कांग्रेस आरोप लगा रही है कि धरना-प्रदर्शन में पुलिस की पिटाई से उसकी मौत हुई। जबकि पुलिस ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि प्रदर्शन के दौरान किसी तरह की सख्त कार्रवाई नहीं की गई। इस बीच पुलिस भी एक्शन में नजर आ रही है। आज तडके सुबह DCP सेंट्रल रवीना त्यागी भारी भरकम पुलिस फ़ोर्स के साथ कांग्रेस कार्यालय पहुंची। खबर है की इस पूरे मामले पर पुलिस अजय राय से भी पूछताछ करेगी। मगर आखिर ये पूरा मामला क्या है प्रभात पांडेय जो की गोरखपुर का निवासी था और और लखनऊ में PG में रहकर पढ़ाई कर रहा था। वो प्रदर्शन में कैसे पहुंचा और आखिर उसके मौत की वजह क्या थी। चलिए जानते हैं इस पूरे मामले की इनसाइड स्टोरी…
दरअसल, बीते बुधवार को यूपी की राजधानी लखनऊ में कांग्रेस प्रदर्शन के लिए सड़कों पर उतरी हुई थी। मामला था कांग्रेस के तरफ सरकार के खिलाफ तमाम मुद्दों को लेकर प्रदर्शन और विधानसभा का घेराव। इसी बीच खबर आई कि प्रदर्शन में हिस्सा ले रहा प्रभात पांडेय नाम का युवक बेहोश हो गया। वो पिछले 2 घंटे कांग्रेस कार्यालय में बेहोश पड़ा हुआ है। जानकारी मिलने के बाद उसे अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इस बीच कांग्रेस के प्रदर्शनकारी की मौत की खबर मिलने पर डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक भी अस्पताल पहुंचे।
कांग्रेस ने लगाया पुलिस-प्रशासन पर आरोप
वहीं, प्रभात के मौत का मामला आग की तरह फैलने लगा। पक्ष और विपक्ष इस मामले को लेकर अपनी सियासी रोटियां पकानी शुरू कर दी और यहां से शुरू हुआ आरोप प्रत्यारोप का सिलसिला। कांग्रेस ने प्रभात की मौत का कारण पुलिस के तरफ से बल प्रयोग और नुकीले बैरिकेड्स को बताया। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि जब उनके कार्यकर्ता बुधवार को विधानसभा का घेराव करने जा रहे थे तब पुलिस ने बल का प्रयोग किया और सभी को रोकने के लिए नुकीले बैरिकेड्स लगा दिए थें। जिससे पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय भी बेहोश हुए और बाद में प्रभात पांडेय नाम का गोरखपुर निवासी कार्यकर्ता बेहोश हो गया, जिसे अस्पताल में मृत घोषित कर दिया गया।
कांग्रेस के आरोपों पर DCP लखनऊ ने दिया बयान
अब जब पुलिस प्रशासन पर आरोप लगा तो उन्होंने भी इस आरोप को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी। पूरे मामले पर डीसीपी लखनऊ ने कहा कि, “डॉक्टरों के जांच के अनुसार प्रथम दृष्टया में मृतक प्रभात के शरीर पर कोई चोट का निशान नहीं मिला है। इसके अलावा डॉक्टरों के पैनल द्वारा मृतक पोस्टमार्टम की पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की जाएगी। इसके अनुसार ही आगे की कानूनी कार्यवाही की जाएगी।”
परिवार ने लगाया बड़ा आरोप
उधर दूसरी तरफ मृतक प्रभात कुमार पांडे के परिवार ने बड़ा सवाल खड़ा करते हुए आरोप लगाया है। प्रभात के चाचा का कहना है कि उनका भतीजा लखनऊ के पी.जी. में रहकर तैयारी कर रहा था। वह कांग्रेस कार्यालय कैसे पहुंच गया इसका उन्हें कोई जानकारी नहीं है। वहीं, उसे पहले से कोई बीमारी भी नहीं थी। परिवार ने उसके साथ कुछ अनहोनी होने का शक जताया है। उन्हें शक है कि प्रभात की हत्या की गई है। ऐसे में उन्होंने पुलिस से जांच का अनुरोध किया।
बहरहाल, अब इस मामले पर पुलिस एक्शन मोड में आ गई है। पीड़ित परिजनों ने हुसैनगंज थाने में हत्या का केस दर्ज करवाया है। जिसके बाद अब पुलिस इस मामले पर जांच में जुट चुकी है। अब देखना ये होगा की क्या वाकई प्रभात पांडेय की मौत एक हत्या थी या फिर मात्र एक संयोग।