भारत में कैसे आई शताब्दी ट्रेन…सिंधिया ने बताई पूरी कहानी

शताब्दी ट्रेन भारत में कैसे आया, इसकी शुरुआत कैसे हुई और इसको भारत में लाने का आइडिया किसका था, इसको लेकर नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने विस्तार से बताया।  

वंदे भारत भारत के बेहतरीन ट्रेनों में से एक है। भारत में जब भी रेलवे की बात होती है सबसे पहले वंदे भारत ट्रेन की बात होती है। जबकि, आने वाले दिनों में बुलेट ट्रेन को सबसे तेज चलने वाली ट्रेन होगी। लेकिन 1980 और 1990 के दशक में शताब्दी एक्सप्रेस ट्रेनों को सबसे बेहतरीन ट्रेनों को यही दर्जा मिला था। जिन्हें देशी बुलेट ट्रेन के नाम से जाना जाता था। शताब्दी ट्रेन भारत में कैसे आया, इसकी शुरुआत कैसे हुई और इसको भारत में लाने का आइडिया किसका था, इसको लेकर नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने विस्तार से बताया।  

उन्होंने कहा कि, “शताब्दी, हमारी देसी बुलेट ट्रेन थी जिसको मेरे पूज्य पिताजी श्री माधवराव सिंधिया जी ने जापान और फ्रांस के रेल का अध्ययन कर और आईआईटी के सहयोग से संचालित किया था।” 

उन्होंने बताया कि पिता माधवराव सिंधिया ने जापान यात्रा के दौरान बुलेट ट्रेन प्रणाली से प्रभावित हुए थे। क्योंकि यह ट्रेन सीमित स्टाप पर रुकती है और स्पीड भी तेज होती है। यही कारण है कि भारत में शताब्दी एक्सप्रेस लाने के लिए इच्छा मजबूत हुई। 

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बताया कि फ्रांस के हाई-स्पीड ट्रेनों में भोजन परोसने की व्यवस्था ने शताब्दी एक्सप्रेस ट्रेनों में फाइल-आधारित भोजन परोसने की व्यवस्था शुरुआत हुई।

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