‘मैं भारत के प्रयासों की सराहना करता हूं….जर्मनी के ओलाफ स्कोल्ज़ ने पीएम मोदी के यूक्रेन शांति प्रयासों को लेकर कही बड़ी बात

हितधारकों से बात करने के भारत के प्रयासों की सराहना की. साथ ही भारत की तीन दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर आए स्कोल्ज़ ने मध्य पूर्व में युद्ध विराम का भी आह्वान किया.

दिल्ली- बीते दिनों में पीएम मोदी और जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़ की गर्मजोशी के साथ मुलाकात हुई और दोनों ने कई अहम मुद्दों को लेकर बात भी की साथ ही भविष्य में साथ मिलकर काम करने के लिए मेगा प्लान भी बना लिया है.

इसी कड़ी में बताते चलें कि जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़ ने रूस-यूक्रेन संघर्ष में शांति के लिए भारत के प्रयासों की सराहना की और शांतिपूर्ण समाधान की तलाश में सभी हितधारकों से बात करने के भारत के प्रयासों की सराहना की. साथ ही भारत की तीन दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर आए स्कोल्ज़ ने मध्य पूर्व में युद्ध विराम का भी आह्वान किया.

जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़ ने अपने बयान में कहा कि मैं यूक्रेन में स्थायी, न्यायपूर्ण शांति की वकालत करने और इसमें योगदान देने के लिए सभी पक्षों के साथ अपने विश्वसनीय संबंधों का उपयोग करने में भारत का स्पष्ट रूप से समर्थन करता हूं.साझेदारों के रूप में, भू-राजनीतिक मुद्दों सहित कई विषयों पर सीधे बात करने में सक्षम होना महत्वपूर्ण है,”

इसी के साथ स्कोल्ज़ ने एक्स पर लिखा रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और इतालवी प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी द्वारा यूक्रेन की स्थिति के बारे में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चिंताओं के लिए सराहना व्यक्त करने के कुछ दिनों बाद आई है.

पिछले सप्ताह, पुतिन ने पीएम मोदी को अपना “मित्र” माना और रूस-यूक्रेन संघर्ष में शांति के लिए भारत के समर्थन के लिए आभार व्यक्त किया.रूसी राष्ट्रपति की यह सराहना प्रधानमंत्री मोदी द्वारा उन्हें युद्ध को समाप्त करने के लिए हर संभव सहयोग प्रदान करने की नई दिल्ली की तत्परता के बारे में सूचित करने के बाद आई है.

जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़ ने शुक्रवार को वैश्विक संघर्षों से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय कानूनों पर आधारित राजनीतिक समाधान की वकालत की, क्योंकि समृद्धि, व्यापार और आर्थिक सहयोग की रक्षा करना अनिवार्य है.जानकारी के लिए बता दें कि नई दिल्ली में जर्मन बिजनेस 2024 के18वें एशिया-प्रशांत सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने मध्य पूर्व, दक्षिण और पूर्वी चीन सागर जैसे क्षेत्रों में लगातार तनाव और यूक्रेन में रूस की कार्रवाइयों से उत्पन्न खतरों का भी अपनी बात रखी थी.

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