बुधवार, 8 दिसंबर को भारतीय सेना का सबसे बड़ा अफसर तमिलनाडु के कून्नूर मे एक जहाज हादसे का शिकार हो गया। और देश ने अपना सबसे बड़ा सैन्य अफसर खो दिया। तमिलनाडु के कून्नूर में वायुसेना का एमआई-17 हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया, जिसमें चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत समेत कुल 13 लोगों की मौत हो गई। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में इस घटना के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया, 8 दिसंबर को जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका और अन्य सैन्य अफसरों की दुखद मृत्यु की घटना की जानकारी देने के लिए आप सबके सामने उपस्थित हुआ हूं।
अब इस हादसे को लेकर चश्मदीद गवाह कृष्णास्वामी ने बताया कि ‘मैंने अपनी आंखों से सिर्फ़ एक आदमी को देखा। वो जल रहे थे और फिर वो नीचे गिर गए, मैं हिल गया। घटना का आखोंदेखी वर्णन करते हुए कृष्णास्वामी ने बताया कि ‘मैं घर के लिए लकड़ी लेने निकला था। घर में पानी नहीं था क्योंकि पाइप टूटा हुआ था। चंद्रकुमार और मैं इसकी मरम्मत कर रहे थे। तभी हमें ज़ोर की आवाज़ सुनाई दी।’
बता दें, घटना के चश्मदीद गवाह कृष्णास्वामी 68 साल के हैं। वे उसी स्थान पर रहते है जहां हादसा हुआ, उन्होंने पूरी घटना को बयां किया। उन्होने आगे बताया, “धमाके से बिजली के खंबे तक हिल गए। पेड़ उखड़ गए, जब हमने देखा कि ये क्या हुआ तब धुआं उठ रहा था, जिसने सारे इलाके को ढक लिया था। वहां धुंध भी छाई थी। पेड़ के ऊपर आग की लपटें उठ रही थीं। मैंने अपनी आंखों से सिर्फ़ एक आदमी को देखा। वो जल रहे थे और फिर वो नीचे गिर गए। मैं हिल गया। मैं दौड़ता हुआ वापस आया और मैंने लोगों से कहा कि वो दमकल और पुलिस को बुलाएं। कुछ देर बाद अधिकारी भी आ गए। उसके बाद मैंने शव को ले जाते नहीं देखा। मैं सदमें था। घर आया और लेट गया।”