IAF: देश की रक्षा के लिए महिलाएँ भी हैं तैयार, चीन सीमा के समीप एसयू-30 लडाकू विमान उड़ा भरी हुंकार

देश की रक्षा के लिए अब पुरुषों के साथ-साथ महिलाएँ भी कंधे से कंधा मिलाकर दुश्मनों का सामना करने के लिए तैयार हैं।

देश की रक्षा के लिए अब पुरुषों के साथ-साथ महिलाएँ भी कंधे से कंधा मिलाकर दुश्मनों का सामना करने के लिए तैयार हैं।  असम के तेजपुर में चीन सीमा के समीप अग्रिम चौकियों पर महिला पायलट फ्लाइट लेफ्टिनेंट तेजस्वी और श्रेय वाजपेयी ने एसयू-30 लड़ाकू विमान उड़ाकर यह साबित कर दिया कि दुश्मनों की हर चुनौती से निपटने के लिए महिलाएं भी पूरी तरह से सक्षम हैं।

एसयू-30 विमानों की हथियार प्रणाली का संचालन काफी कठिन होता है। तेजस्वी देश की एकमात्र महिला पायलट हैं जो एसयू-30 विमानों की हथियार प्रणाली का संचालन करने में सक्षम हैं। फ्लाइट लेफ्टिनेंट तेजस्वी ने असम के तेजपुर स्थित पूर्वी सेक्टर के फॉरवर्ड एयर बेस से उड़ान भरने के बाद कहा पहले भी जांबाज महिलाएं रही हैं,  जिन्होंने हमारे सपनों को पूरा करने का रास्ता साफ किया है। देश के पूर्वी क्षेत्र में हमारे जांबाज पायलट किसी भी हरकत का जवाब देने को तैयार हैं।

वायुसेना में पुरुषों और महिलाओं को कड़े अभ्यास और प्रशिक्षण पर बात करते हुए तेजस्वी ने कहा कि वायुसेना में महिलाओं व पुरुषों के लिए समान रूप से प्रशिक्षण दिया जाता है। वे कड़े अभ्यास और तैयारियों से गुजरते हैं। हम हमेशा किसी भी तरह के कार्यों और चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार हैं। 

उड़ानों के संचालन और चुनौतियों पर बात करते हुए फ्लाइट लेफ्टिनेंट श्रेय वाजपेयी ने कहा कि वायुसेना असम समेत देश के विभिन्न हिस्सों में ऐसी अभ्यास उड़ानों का संचालन करती है। उन्होने कहा कि असम व उत्तर पूर्व के अन्य दुर्गम इलाकों में उड़ान भरने में अलग-अलग चुनौतियां होती हैं। उत्तरपूर्वी हिस्से में उड़ान भरने के लिए इलाके और मौसम की बड़ी चुनौतियां हैं। 

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