युवक-युवती रजामंदी से शादी कर लें तो दुष्कर्म का मामला नहीं बनता- इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक मामले में फैसला सुनाते हुए कहा कि यदि युवक-युवती रजामंदी से शादी कर लेतें हैं तो दुष्कर्म का मामला नहीं बनता.

प्रयागराज; इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक अहम मामले पर सुनवाई करते हुए बड़ा फैसला सुनाया. 2016 में बरेली में दर्ज हुए एक दुष्कर्म के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि यदि युवक-युवती रजामंदी से शादी कर लेतें हैं तो दुष्कर्म का मामला नहीं बनता. कोर्ट ने याची को राहत देते हुए उसके खिलाफ दाखिल चार्जशीट को रद्द किया. साथ ही निचली अदालत में चल रही सभी कानूनी कार्रवाई पर भी रोक लगा दी.

हाईकोर्ट में याचिका दायर करने वाले शख्स के खिलाफ बरेली में साल 2016 में दुष्कर्म का मामला दर्ज हुआ था. उसकी पत्नी ने याची पर बहला फुसलाकर शादी करने का आरोप लगाया था. निचली अदालत ने याची को समन जारी कर तलब किया था. जिसके बाद याची ने हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल कर कार्रवाई पर रोक लगाने की गुहार लगाई थी. इसी मामले पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यह फैसला सुनाया है.

याची के कोर्ट में कहा कि जिस युवती ने मुकदमा दर्ज कराया है, उसके साथ हमारी शादी हुई है. युवती रजामंदी से उसके साथ रह रही है, दोनों बालिग भी हैं इस आधार पर दुष्कर्म का मामला नहीं बनाता. हाईकोर्ट ने मामले में सभी तथ्यों और परिस्थितियों को देखते हुए याची के खिलाफ दाखिल चार्जशीट को रद्द कर कार्रवाई पर रोक लगा दिया. और यह फैसला सुनाया कि युवक-युवती रजामंदी से शादी कर लें तो दुष्कर्म का मामला नहीं बनता.

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